एनटी न्यूज़ डेस्क / मदर्स डे स्पेशल
आज विश्व मातृ दिवस पर सोशल मीडिया पर दिन भर मां को समर्पित संदेश घूमते रहे, जिनको पूरा पढ़ने से हम भी अपने आप को रोक नहीं पाए और साथ ही आपके लिए लेकर आ गए. तो पढ़िए इन प्यारे से वायरल संदेशों को और याद करिए प्यारी-सी मां के प्यारे-से लाड व प्यार को…
एक बार इस कविता को दिल से पढ़िये इसके शब्द-शब्द में गहराई है
जब आंख खुली तो अम्मा की गोदी का एक सहारा था
उसका नन्हा सा आंचल मुझको भूमण्डनल से प्यारा था
उसके चेहरे की झलक देख, चेहरा फूलों सा खिलता था
उसके दूध की एक बूंद से मुझको जीवन मिलता थाहाथों से बालों को नोचा पैरों से खूब प्रहार किया
फिर भी उस मां ने पुचकारा हमको जी भर के प्यार किया
मैं उसका राजा बेटा था वो आंख का तारा कहती थी
मैं बनूं बुढापे में उसका बस एक सहारा कहती थीउंगली को पकड चलाया था पढने विद्यालय भेजा था
मेरी नादानी को भी निज अन्तर में सदा सहेजा था
मेरे सारे प्रश्नों का वो फौरन जवाब बन जाती थी
मेरी राहों के कांटे चुन वो खुद गुलाब बन जाती थीमैं बडा हुआ तो कॉलेज से इक रोग प्यार का ले आया
जिस दिल में मां की मूरत थी वो रामकली को दे आया
शादी की, पति से बाप बना अपने रिश्तों में झूल गया
अब करवाचौथ मनाता हूं मां की ममता को भूल गयाहम भूल गये उसकी ममता मेरे जीवन की थाती थी
हम भूल गये अपना जीवन वो अमृत वाली छाती थी
हम भूल गये वो खुद भूखी रह करके हमें खिलाती थी
हमको सूखा बिस्तर देकर खुद गीले में सो जाती थी
हम भूल गये उसने ही होठों को भाषा सिखलायी थी
मेरी नीदों के लिए रात भर उसने लोरी गायी थीहम भूल गये हर गलती पर उसने डांटा समझाया था
बच जाऊं बुरी नजर से काला टीका सदा लगाया था
हम बड़े हुए तो ममता वाले सारे बन्ध न तोड़ आए
बंगले में कुत्ते पाल लिए मां को वृद्धाश्रम छोड़ आएउसके सपनों का महल गिरा कर कंकर-कंकर बीन लिए
खुदग़र्जी में उसके सुहाग के आभूषण तक छीन लिए
हम मां को घर के बंटवारे की अभिलाषा तक ले आए
उसको पावन मंदिर से गाली की भाषा तक ले आएमां की ममता को देख मौत भी आगे से हट जाती है
गर मां अपमानित होती धरती की छाती फट जाती है
घर को पूरा जीवन देकर बेचारी मां क्या पाती है
रूखा सूखा खा लेती है पानी पीकर सो जाती हैजो मां जैसी देवी घर के मंदिर में नहीं रख सकते हैं
वो लाखों पुण्य भले कर लें इंसान नहीं बन सकते हैं
मां जिसको भी जल दे दे वो पौधा संदल बन जाता है
मां के चरणों को छूकर पानी गंगाजल बन जाता हैमां के आंचल ने युगों-युगों से भगवानों को पाला है
मां के चरणों में जन्नत है, गिरिजाघर, शिवाला है
हर घर में मां की पूजा हो ऐसा संकल्प उठाता हूं
मैं दुनियां की हर मां के चरणों में शीश झुकाता हूं.
एक और वायरल सन्देश…
माँ संवेदना है, भावना है, अहसास है
माँ जीवन के फूलों में, खूशबू का वास हैमाँ रोते हुए बच्चे का, खुशनुमा पालना है
माँ मरुस्थल में नदी या मीठा-सा झरना हैमाँ लोरी है, गीत है, प्यारी-सी थाप है
माँ पूजा की थाली है, मंत्रो का जाप हैमाँ ममता की धारा है, गालों पर पप्पी है,
माँ बच्चों के लिए जादू की झप्पी हैमाँ झुलसते दिनों में, कोयल की बोली है
माँ मेंहँदी है, कुंकम है, सिंदूर है, रोली हैमाँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है
माँ फूंक से ठंडा किया कलेवा हैमाँ कलम है, दवात है, स्याही है
माँ परमात्मा की स्वयं एक गवाही हैमाँ अनुष्ठान है, साधना है, जीवन का हवन है
माँ जिंदगी के मोहल्ले में आत्मा का भवन हैमाँ चूड़ीवाले हाथों के, मजबूत कंधो का नाम है
माँ काशी है, काबा है, और चारों धाम हैमाँ चिन्ता है, याद है, हिचकी है
माँ बच्चे की चोट पर सिसकी हैमाँ चूल्हा, धुँआ, रोटी और हाथों का छाला है
माँ जीवन की कड़वाहट में अमृत का प्याला हैमाँ पृथ्वी है, जगत है, धुरी है
माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी हैमाँ का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता
माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता
कुछ सन्देश ऐसे भी…
मंजिल दूर और सफर बहुत लंबा है,
छोटी सी जिन्दगी में फिक्र बहुत हैं,
मार डालती ये दुनिया बहुत पहले ही हमें,
लेकिन मां की दुआओं में असर बहुत है..सब ने बताया कि आज माँ का दिन है
कौन बताएगा कि वो कौन सा दिन है
जो माँ के बिन है