एनटी न्यूज़ डेस्क/ विज्ञान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज एक दिवसीय दौरे पर इम्फाल यात्रा पर थे. यहाँ उन्होंने 105 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने यहाँ एक विशाल जनसभा को संबोधित भी किया. पीएम मोदी ने इम्फाल में वैज्ञानिकों से बातचीत में कहा कि वह आम जन की सुविधाओं को बढ़ाने वाले अनुसंधान करें. उन्होंने कहा कि आर एंड डी को राष्ट्र के विकास के लिए अनुसंधान के रूप में पुन: परिभाषित करने का यह श्रेष्ठ समय है.
Here is my speech at the 105th session of the Indian Science Congress, on ‘Reaching the Unreached through Science and Technology.’ https://t.co/lXtFs5Te94 pic.twitter.com/v40sfysKMf
— Narendra Modi (@narendramodi) March 16, 2018
भारतीय विज्ञान कांग्रेस का किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने 105 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन किया. उन्होंने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध परंपरा रही है और खोज तथा विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी के इस्तेमाल का लंबा इतिहास रहा है.
उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से अपने अनुसंधान का विस्तार करने का अनुरोध किया और कहा कि इस क्षेत्र में अग्रणी देशों के बीच अपने सही स्थान का फिर से दावा करने का यह सही समय है.
अहम प्रोद्यौगिकियों को भविष्य में करें लागू
मोदी ने कहा कि राष्ट्र की समृद्धि और विकास के लिए अहम प्रोद्यौगिकियों को भविष्य में लागू करने के लिए देश को तैयार रहना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘प्रोद्यौगिकी शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल एवं बैंकिंग सेवा की नागरिकों तक ज्यादा पहुंच हासिल करने में मदद देगी.’
उन्होंने कहा कि आज इस बात की जरूरत है कि अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों को समाज तक पहुंचाया जाए. इससे युवाओं का वैज्ञानिक मिजाज बनेगा.
Science has a particularly crucial role in transforming the aspirational districts across India. Through science and technology, tremendous work is being done to improve HDI index, health and nutrition facilities, education and lives of hardworking farmers. pic.twitter.com/HsSzdSheGD
— Narendra Modi (@narendramodi) March 16, 2018
हमें प्रयोगशालाएं बच्चों के लिए खोलनी होगी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,‘हमें अपने संस्थान और प्रयोगशालाएं अपने बच्चों के लिए खोलने होंगे. मैं वैज्ञानिकों से अनुरोध करता हूं कि स्कूली बच्चों के साथ संवाद कायम करने के लिए वह कोई तंत्र विकसित करें.’
पीएम मोदी ने किया व्यक्तिगत अनुरोध
युवाओं में वैज्ञानिक चिंतन विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से ‘व्यक्तिगत अनुरोध’ किया कि वह कक्षा नौंवी से बारहवी कक्षा के 100 छात्रों के साथ सालाना 100 घंटे बिताएं और उनके साथ विज्ञान और प्रोद्यौगिकी पर चर्चा करें. उन्होंने 2022 तक 100 गीगावॉट की क्षमता की स्थापित सौर ऊर्जा का लक्ष्य तय किया.
पीएम मोदी ने कहा कि बाजार में फिलहाल उपलब्ध सोलर मॉड्यूल की क्षमता करीब17-18 फीसदी है. क्या हमारे वैज्ञानिक और किफायती सोलर मॉड्यूल विकसित करने की चुनौती स्वीकार करेंगे, जिसे समान लागत पर भारत में ही बनाया जा सके.’
Powered by science and technology, let us work together and make India clean, green as well as prosperous. pic.twitter.com/oYGzxDg3LX
— Narendra Modi (@narendramodi) March 16, 2018