एनटी न्यूज / लखनऊ डेस्क / योगेश मिश्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मैं भी चौकीदार अभियान के तहत 500 जगहों पर लोगों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े और उनसे संवाद किया. इस संवाद में सांसद, विधायक व मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि मैं देश के लिए एक चौकीदार की तरह काम कर रहा हूं. विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि जो सीटी, टोपी और वर्दी पहने वही चौकीदार है लेकिन जो पूरी कर्मठता के साथ देश की सेवा में लगा हुआ है, वह भी चौकीदार है.
प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें-
- मुझे विश्वास है कि देश की जनता चौकीदार को पसंद करती है. देश की जनता को राजा-महाराजाओं की जरूरत नहीं है और इसलिए उन्हें खुशी है कि चौकीदार भाव का विस्तार हो रहा है.
- चौकीदार न कोई व्यवस्था है, न कोई यूनिफॉर्म की पहचान है न कोई चौखट में बंधा है. चौकीदार एक भावना है. एक चौकीदार के रूप में मैं अपने दायित्व को निभाने का पूरा प्रयास कर रहा हूं.
- साल 2014 में भाजपा ने मुझे दायित्व दिया उसके बाद मुझे देश के कोने-कोने में जाने का मौका मिला. उस समय मैंने देश के लोगों से कहा था कि आप दिल्ली का दायित्व जो मुझे दे रहे हैं, उसका मतलब है कि आप एक चौकीदार बैठा रहे हैं.
- जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें पाई-पाई लौटानी पड़ेगी. 2014 से सारी चीजें इकट्ठा करना और समेटने का काम मैं कर रहा हूं. आपकी मदद से जेल के दरवाजे तक तो मैं इन लोगों को ले गया, कुछ जमानत पर हैं और कुछ डेट मांग रहे हैं.
- कुछ लोग विदेश की अदालतों में कहते हैं कि भारत की जेलों की स्थिति अच्छी नहीं है. अब इनको कोई महल में थोड़ी रखेगा. अंग्रेजों ने गांधी जी को जिस जेल में रखा था, मैं उनको उससे अच्छी जेल नहीं दे सकता.
- हमें करदाताओं पर गौरव करना चाहिए. करदाता देश के गरीबों की सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और जो गलत कर रहा है वो किसी भी हालत में बचेगा नहीं.
- देश में डॉ भीमराव अंबेडकर जी का सम्मान हमारी सरकार ने किया है. ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने के लिए हम संसद में बिल लाए और अभी सविंधान में संशोधन करके हमने सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 फीसदी आरक्षण दिया है.
- देश की जनता एक बार फिर से हमें देश की सेवा करने का मौका देने वाली है. मुझे खुशी है कि देश के युवा दूर का देखते हैं. हम राजनेता तो अभी 11 को क्या होगा या 21 को क्या होगा, इसी में लगे पड़े हैं और आप शपथ के विषय में सोच रहे हैं.
- कुछ लोग ये मान कर बैठे हैं कि ये देश, ये सरकार उनकी पैतृक संपत्ति है. इसलिए उनको ये हजम नहीं होता कि एक चायवाला प्रधानमंत्री बन गया.
- भारत के पास समृद्ध राष्ट्र बनने के लिए सब कुछ है. इच्छा शक्ति और सवा सौ करोड़ देशवासियों का सपना होना चाहिए कि अब हमें पिछड़ा नहीं रहना है.
- चुनावी वादे देने वाले लोग आजकल रेवड़ियां बांट रहे हैं. पहली बार वोट देने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि वादे करने वालों का आप ट्रैक रिकॉर्ड देखिए, उनके टेप रिकॉर्डर को मत सुनिए.
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