एनटी न्यूज डेस्क/ लखनऊ
सीतापुर जिले के रतौली गाँव में अवैध खनन पट्टे के विरोध में राष्ट्रीय किसान मंच और उत्तर प्रदेश मनरेगा मजदूर संगठन की ओर से उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. शेखर दीक्षित ने अवैध खनन पट्टे को लेकर ग्रामीणों की आवाज को बुलंद किया।
पं. शेखर दीक्षित ने कहा कि जिस तरह से रतौली गाँव में लहरपुर एसडीएम और पूर्व डीएम की संलिप्तता में खनन पट्टे के नाम पर पूरे गाँव का नामोनिशान मिटाने की कोशिश की जा रही है, वह बहुत निंदनीय है। अवैध खनन पट्टे के बाद रतौली गाँव में रहने वाले करीब 544 परिवार बर्बाद हो जाएंगे और उनके पास कुछ नहीं बचेगा।
एक भी वादा नहीं किया पूरा
पं. शेखर दीक्षित ने कहा कि उत्तर प्रदेश बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले ग्रामीणों,मजदूरों और किसानों के विकास की कसमें खायी थी लेकिन जब बीजेपी सत्ता में आ गयी, उसके बाद पार्टी के नुमाइंदों और अफसरों की मिलीभगत से किसानों,मजदूरों का शोषण किया जा रहा है।
पं. शेखर दीक्षित ने कहा कि एक तरफ सरकार की ओर से किसानों,मजदूरों और गाँवों के विकास से जुड़ा एक भी वादा नहीं पूरा किया गया, वही दूसरी तरफ उनके नुमाइंदों की ओर से किसानों की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। ये स्थिति पूरे प्रदेश में है,जहाँ पर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।
544 परिवारों की जिंदगी हो जायेगी बर्बाद
पं. शेखर दीक्षित ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता के चलते रतौली गाँव को नदी से 3 किलोमीटर दिखाया गया है, जबकि हकीकत यह है कि गाँव नदी से केवल 300 मीटर की दूरी पर है। ऐसे में अवैध खनन पट्टा करके 544 परिवारों की जिंदगी बर्बाद की जा रही है।
उत्तर प्रदेश मनरेगा मजदूर संगठन के अध्यक्ष डॉ. बृजबिहारी ने कहा कि कि हर साल रतौली में बाढ़ विभीषिका अपना कहर बरपाती है। बावजूद इसके यहाँ पर खनन पट्टा आवंटित कर दिया गया। इससे रतौली गाँव का हमेशा के लिए नामोनिशान मिट जाएगा।
डॉ. बृजबिहारी ने कहा कि एक तरफ योगी सरकार कृषि योग्य भूमि और जंगलों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की बात करती है तो दूसरी ओर अधिकारियों की ओर से पूरे गाँव को ही अवैध पट्टे के रूप में आवंटित कर दिया जाता है।
करेंगे विधानसभा घेराव
पं. शेखर दीक्षित ने कहा कि योगी सरकार को तुरंत अवैध पट्टे को निरस्त कर देना चाहिए और इस पट्टे को फर्जी तरह से आवंटित कराने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाई करनी चाहिए। अगर योगी सरकार की ओर से ऐसा किया गया तो राष्ट्रीय किसान मंच की ओर से ग्रामीणों के जीवन बचाने के लिए जल्द ही विधानसभा का घेराव किया जाएगा।