गन्ना किसानों की स्थिति को लेकर उपमुख़्यमंत्री ट्वीट न करें, बल्कि जमीनी हकीकत देखें : राष्ट्रीय किसान मंच 

एनटी न्यूज डेस्क/ लखनऊ/ लखीमपुर खीरी 

लखीमपुर खीरी में चीनी मिलों की ओर से किसानों को बीते दिसम्बर से भुगतान न किये जाने को लेकर राष्ट्रीय किसान मंच सहित कई किसान संगठन लामबंद हुए हैं। किसान संगठनों ने किसानों के शोषण को लेकर चीनी मिलों के खिलाफ व्यापक आन्दोलन छेड़ने की बात कही है।
इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय किसान मंच सहित कई किसान संगठनों ने लखीमपुर खीरी नगर पालिका कैंप कार्यालय में बैठक की। जिसमें लखीमपुर में किसानों के गन्ना भुगतान एवं मिलों की ओर से गन्ना उठान की समस्याओं पर चर्चा हुई।
बैठक के दौरान राष्ट्रीय किसान मंच के मंडल अध्यक्ष मोहित मिश्रा ने कहा कि सीतापुर और लखीमपुर खीरी जनपद की गन्ना चीनी मिलें गन्ना कृषकों का शोषण कर रही हैं। यदि किसानों का भुगतान समय से न किया गया तो राष्ट्रीय किसान मंच सीतापुर और लखीमपुर खीरी में व्यापक आन्दोलन चलाएगा।
मोहित मिश्रा ने कहा कि किसी भी दशा में किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि किसी किसान की आर्थिक कमी के कारण मृत्यु हो जाती है तो उस किसान की मौत का जिम्मेदार चीनी मिल मालिक और मिल प्रबंध अधिकारी होंगे। जिसको लेकर किसान संगठन न्यायालय तक जायेंगे।
राष्ट्रीय किसान मंच सहित अन्य किसान संगठनों की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि यदि 15 दिन में चीनी मिलों की ओर से किसानों के बकाये का भुगतान न किया गया तो किसान संगठन सड़क जाम कर भूख भूख हड़ताल अनशन को मजबूर होंगे। जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व शासन व जिला प्रशासन का होगा।
मोहित मिश्रा ने कहा कि किसानों पर मिलों का अत्याचार नहीं रुका तो राष्ट्रीय किसान मंच सीतापुर जनपद में किसानों के लिए आर-पार की लड़ाई लडेगा। इसके लिए कई संगठनों ने अपना सहयोग देने का भी आश्वासन दिया है।
उक्त जानकारी देते हुए मंडल के मीडिया प्रभारी वेदप्रकाश मिश्रा ने बताया कि गन्ना विभाग के निर्देशानुसार गन्ना बेचने वाले किसान का गन्ना भुगतान 14 दिन के अंदर निश्चित रूप से हो जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो उसके लिए सीधे तौर पर चीनी मिल संबंधित जिले के जिला गन्ना अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
वेदप्रकाश मिश्रा ने कहा कि जानकारी तो यहां तक प्राप्त हुई है कि कई चीनी मिलें दिसंबर से ही किसानों का गन्ना भुगतान नहीं कर रही है। जिसको लेकर गन्ना किसान दर-दर भटक रहे हैं। इस प्रकार के कृत्य से जहां एक और सरकार की नीति और नियत पर प्रश्नचिन्ह लगता है , वही किसानों का शोषण और उनके बच्चों की पढ़ाई, बेटियों के विवाह में भी काफी कठिनाइयां हो रही हैं।
जिला प्रशासन को आगाह करते हुए राष्ट्रीय किसान मंच सीतापुर की ओर से एक पत्र भेजा जा रहा है। प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई तो किसान आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

उपमुख्यमंत्री ट्वीट न करें, जमीनी हकीकत देखें 

वहीँ राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा की उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर ट्वीट न करें, बल्कि जमीनी हकीकत देखें। शेखर दीक्षित ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भले ही भुगतान कर दिया गया हो लेकिन यह भुगतान केवल कागजों पर हो रहा है।
शेखर दीक्षित ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से किसानों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है।
बता दें कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने ट्वीट किया था कि उत्तर प्रदेश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है कार्यकर्ताओं के परिश्रम एवं मतदाताओं के आशीर्वाद से 11 मार्च को ही भारतीय जनता पार्टी तथा सहयोगी दलों को 325 विधानसभाओं पर विजय प्राप्त हुई और आज भाजपा सरकार में रहकर सेवा प्रदान कर रही है .