Thursday , 25 April 2024

उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 12000 करोड़ पहुंचा, सरकार की किसान विरोधी नीति उजागर- अजय कुमार लल्लू

एनवी न्यूज/लखनऊ/ श्रवण शर्मा 
कोरोना महामारी के चलते लाॅकडाउन होने से जहां एक तरफ प्रदेश के मजदूर, छात्र बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं, छोटे व्यापारियों के व्यवसाय चैपट हो गये हैं वहीं किसानों पर मंदी और सरकार की उपेक्षा की दोहरी मार पड़ रही है। उ0प्र0 के किसान लाकडाउन के चलते बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। उनकी उपज का न तो सही दाम मिल पा रहा है और न ही सरकार नगद भुगतान कर रही है। प्रदेश के गन्ना किसानों के प्रति योगी सरकार ने आंख मूंद रखी है। प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 12000 करोड़ रूपये हो गया है। वहीं सरकार किसानों का बकाया न देकर भुगतान के बदले चीनी खरीदने पर विवश कर रही है।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज जारी बयान में कहा कि भाजपा किसानों की आय दो गुना करने का झूठा दावा करती रही जबकि हकीकत में पिछले 6 वर्षों में गन्ने के समर्थन मूल्य में मात्र 20 रूपये की बढ़ोत्तरी कर पायी है वहीं बिजली की दर में 12 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी कर चुकी है।
अजय कुमार लल्लू कहा कि प्रदेश में चीनी का उद्योग करीब 40 हजार करोड़ रुपयों का है। गन्ना किसानों को भुगतान की जगह चीनी देने से किसानों को फायदा होने की जगह बहुत बड़ा घाटा होगा। सरकार ने तीन साल तक गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया। जब किसान 315 रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से चीनी बेचेगा और इसके बदले वह इतने का चीनी खरीदेगा तो कम से कम 157 रुपए तो उसका जीएसटी ही कट जायेगा। इस हिसाब से किसान को एक कुंतल गन्ने के बदले मात्र 299 रुपए मिलेंगे और बाकी के 157 रूपये की जीएसटी लेना एक तरीके से किसानों की आमदनी पर डाका डालने जैसा है।
अजय कुमार लल्लू कहाँ की उत्तर प्रदेश शुगर मिल एसोसिएशन के अनुसार 14 अप्रैल 2020 तक प्राइवेट चीनी मिलों पर बकाया सबसे ज्यादा है। सरकारी चीनी मिलों की अपेक्षा बजाज ग्रुप के चीनी पर किसानों को सबसे ज्यादा बकाया है। जबकि नियमानुसार किसानों को 14 दिनों के अंदर पैसे मिल जाने चाहिए। गन्ना नियंत्रण आदेश 1966 के तहत चीनी मिलों को किसानों को गन्ने की आपूर्ति के 14 दिन के भीतर गन्ने का भुगतान करना होता है और अगर मिलें ऐसा करने में विफल रहती हैं तो उन्हें विलंब से भुगतान पर 15 फीसदी सालाना ब्याज भी देना पड़ता है। सरकार ने अभी तक इस नियम को ताक पर रखा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार तुरन्त गन्ना किसानों का 12000 करोड़ रूपये बकाये का भुगतान करे। आगामी पेराई सत्र से पहले चीनी मिल की मशीनों को दुरुस्त करें क्योंकि पिछले सत्र में कई मिलों के बाॅयलर फट जाने से किसानों के सामने गन्ना आपूर्ति की समस्या पैदा हो गयी थी।