एनटी न्यूज़ डेस्क / महोबा / हम्माद अहमद
उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले में शहीद सैनिक की बहन की शादी में जब प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने कोई मदद नही की तो शहीद सैनिक के साथी सैनिक आगे आये और धूम धाम से शादी करा कर इंसानियत की वो बेहतरीन मिशाल पेश की जिसकी सब ओर सराहना की जा रही है.
यह फोटो है शहीद सैनिक राकेश चौरसिया की बहन की शादी की. इस शादी को शहीद सैनिक के साथी सैनिकों ने सम्पन्न कराया है. राकेश चौरसिया के शहीद होने के बाद से ही उसके साथी सैनिक उसके परिवार से संबंध बनाये हुए है. सभी सुख दुख में हाज़िर रहते है. अभी हाल में ही जब शहीद की बहन आरती की शादी थी तब शहीद के एक दर्जन साथी सैनिक शादी में शामिल होने के लिए ग्वालियर पहुंचे और पूरी शादी की जिम्मेदारी उठा कर धूमधाम से शादी सम्पन्न कराई है.
पान की खेती करने को मजबूर…
शहीद राकेश चौरसिया का पिता अपने परिवार को पालने के लिए आज भी पैतृक पान खेती करता है. शहीद राकेश की शहादत के बाद से आज तक इस परिवार को न तो कोई सरकारी इमदाद मिली और न ही उसके परिवार को कोई नौकरी मिल पाई. ऐसे में शहीद के साथी सैनिक परिवार के हमदर्द बनकर सामने आये है.
सम्मान भी अधुरा
यह फोटो और घर है सी आर पी एफ के सैनिक राकेश चौरसिया का , जो 2009 में छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हो गये थे. तब से अभी तक 9 साल बाद भी इनका परिवार किसी भी सरकारी सुविधा , आर्थिक मदद से वंचित है. हद तो यह है शहीद राकेश चौरसिया का स्मारक आधा अधूरा पड़ा है जहाँ उनकी मूर्ति भी नही स्थापित की जा सकी है.
देश के लिए शहादत देने वाले को मरने के बाद भी सम्मान नहीं मिल पा रहा है. शहीद के परिवार ने अपनी ही भूमि पर अमर सैनिक की समाधी बनाई मगर वादे के बाद भी आज तक न तो यूपी सरकार न ही जिला प्रशासन ने अमर शहीद के स्मारक को बनवाया न ही कोई पहल की. इस बात से शहीद का परिवार ही नहीं बल्कि पूरा समाज खासा नाराज है.
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हमारे कई भाई
शहीद का भाई सुरेश और बड़ी बहन प्रतिमा बताती है कि भाई अपनी बटालियन के सीआरपीएफ साथियों से अपनी बहनों की चिंता करते थे. बहनों की शादी की बात भी वो जवानों से करते थे. यही वजह है कि उनकी शहादत के बाद उनकी बटालियन के साथी उनके परिवार को अपना परिवार मानते है. सुख दुःख में शामिल होते है.
जब तीसरे नंबर की बहन आरती की शादी होनी थी तो बटालियन के 10 जवान भाई बनकर शादी में शामिल होने आ गए, साथ ही आर्थिक मदद भी की. जिससे शादी अच्छे से संपन्न हो सकी.
सैनिकों के इस प्रेम से शहीद की बहने अपने भाई की कमी को भूल गई. जवानों ने शादी की सभी रस्मों में हिस्सा लिया और आगे भी मदद करने की बात कही. इससे पहले भी एक बहन प्रभा की शादी करा चुके है.
इन्होंने तीस अप्रैल को मंझली बहन आरती की शादी धूमधाम से कराई.
ये सभी जवान ड्यूटी से छुट्टी लेकर शादी में भी शरीक भी हुए. राकेश की बहन प्रतिमा, प्रभा, आरती व भाई सुरेश ने बताया, पहले उनके एक ही बड़े भैया राकेश थे. उनके शहीद होने के बाद परिवार की स्थिति भी कमजोर हुई. लेकिन अब एक भाई की जगह हमारे पास कई भाई हैं. उनके साथी दोस्त हमेशा परिवार का हाल पूछते रहते हैं. हर सुख-दुख में वे साथ खड़े होते हैं. इनके होने से भाई की कमी नहीं खलती.
आपको बता दें कि माओवादियों मोर्चे पर शहीद जवान राकेश चौरासिया को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने प्रशस्ति पत्र व डीजी वीरता मेडल से नवाजा था. शहीद जवान की माता शोभारानी व पिता ज्ञानदास चौरासिया को यह अवार्ड सौंपा गया था. अब अमर शहीद का परिवार सरकार की तरफ मदद और सम्मान की आस लगाए देख रहा है.
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