एनटी न्यूज़ डेस्क / नई दिल्ली / श्रवण शर्मा
योग के दो अर्थ होते हैं- जोड़ना और समाधि, योग में दोनों अर्थ समाहित हैं। जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ते हैं समाधि तक पहुंचना मुमकिन नहीं है। आइए आज जानते हैं कि 21 जून को ही क्यों विश्व योग दिवस मनाया जाता है।
सूर्य की किरणें इस दिन…
आम दिनों के मुकाबले 21 जून को सूरज की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर रहती है जिसके कारण दिन बड़ा होता है। खगोल विज्ञान के अनुसार उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर पूरी तरफ से झुका रहता है। इस दिन से सूर्य उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर चलना आरम्भ कर देता है। इस दिन से उत्तरी गोलार्ध में बसे देशों में दिन ज्यादा बड़ा होगा। जिसके कारण लोगों को अपनी परछाई भी नहीं दिखेगी। यह साल का सबसे बड़ा दिन होता है। 21 जून को 13 घंटे 34 मिनट का दिन रहेगा जबकि रात 10 घंटे 24 मिनट की होगी।
एक आह्वान पर ही 170 देश सहमत…
अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का दुनिया के लगभग सभी देशों ने समर्थन किया है। दुनिया के 170 से ज्यादा देशों के लोग 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाते हैं। आज के दिन ही विश्व के लोग योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प लेते हैं। पूरे विश्व में इस दिन योग के फायदों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये योग प्रशिक्षण शिविर, योग प्रतियोगिता और सामूहिक योगाभ्यास किया जाता है।
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
प्रधानमंत्री के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को एलान किया कि 21 जून का दिन दुनिया में हर साल योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसलिए 21 जून, 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 35 हजार से अधिक लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर योग के 21 आसन किए थे। इस समारोह ने दो गिनेस रेकॉर्ड्स की स्थापना की। सबसे बड़ी योग क्लास 35,985 लोगों के साथ और 84 देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड बना।
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