उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में अपराधियों के सफाये के लिए एनकाउंटर जारी रहेंगे. उन्होंने विपक्ष को नसीहत भी दी कि वह अपराधियों के साथ सहानुभूति न दिखाए. विधान परिषद में शून्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधियों को संरक्षण कौन देता है, यह नेता प्रतिपक्ष से बेहतर कौन जानता है.
आपराधियों पर खूब बरसे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब से प्रदेश में हमारी सरकार बनी है, तब से अब तक 1200 एनकाउंटर हुए हैं. इनमें 40 से ज्यादा दुर्दात अपराधी मारे गए हैं. यह सिलसिला थमेगा नहीं.
उनहोंने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, लूट व डकैती जैसे अपराध होंगे तो सरकार अपराधियों को कुचलने का हरसंभव प्रयास करेगी. ऐसे अराजक और अपराधी तत्वों के प्रति कुछ लोग सहानुभूति व्यक्त कर रहे हैं. यह समाज और लोकतंत्र के हित में नहीं है.
सभापति के अधिकार पर उठा सवाल
गुरुवार को विधान परिषद में सभापति के अधिकार का मुद्दा छाया रहा. सभापति रमेश यादव ने आश्चर्यजनक रूप से मंगलवार को नोएडा में हुई घटना समेत तीन मामलों की सीबीआइ जांच कराने का आदेश दे दिया था.
भाजपा की ओर से देवेंद्र प्रताप सिंह सभापति के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका लेकर आए. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सदन संवैधानिक प्रावधानों से चलाया जाना चाहिए, न कि बाहरी ताकतों से.
हंसी का पात्र न बनें
सीबीआइ केंद्र सरकार के अधीन कार्य करती है. हम विधानसभा में बैठकर यदि दिल्ली व बिहार के बारे में कोई निर्णय देंगे तो हंसी का पात्र बनेंगे. पीठ से ऐसा निर्णय नहीं होना चाहिए, जिससे उच्च सदन हंसी का पात्र बने.