योगी कैबिनेट की बैठक आज, इन प्रस्तावो को मिल सकती हैं मंजूरी

एनटी//न्यूज़ डेस्क//लखनऊ-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की योजना, वर्षा जल संचयन व भूजल संवर्धन नाम से नई योजना सहित एक दर्जन प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने की संभावना है।

सूत्रों ने बताया कि गोरखपुर में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण के संबंध में संशोधित एस्टीमेट, प्रदेश के स्थानीय निकायों व शासन से अनुदानित संस्थाओं की वर्ष 2015-16 की स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग की ऑडिट रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखने की सहमति और बागपत में नया केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने के लिए नि:शुल्क जमीन केंद्र सरकार के पक्ष में हस्तांतरित करने की मंजूरी जैसे प्रस्ताव भी आ सकते हैं।

खाद्य रसद विभाग ने आवश्यक वस्तु (विक्रय एवं वितरण नियंत्रण का विनियमन) (प्रथम संशोधन) आदेश, 2018 को भी कैबिनेट की सहमति के लिए भेजा है। इस पर भी विचार की संभावना है।

इसके अलावा विभागीय कार्यों के लिए सीनियर लेवल, मिड लेवल व जूनियर लेवल कंसल्टेंट की कांट्रैक्ट के आधार पर सेवाएं लेने के लिए इम्पैनल्ड सेवा प्रदायी संस्थाओं के लिए दरों का निर्धारण किया जा सकता है। चिकित्सा विभाग ने कुंभ मेला-2019 के लिए एक स्वच्छता कार्ययोजना तैयार की है। कैबिनेट में इसे भी मंजूरी के लिए रखा जा सकता है।

ओडीओपी उद्यमियों को मार्जिन मनी की सुविधा के साथ मिलेगा लोन

कैबिनेट की बैठक में ओडीओपी उद्यमियों को मार्जिन मनी की सुविधा के साथ बैंकों से लोन उपलब्ध कराए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। इसके तहत ओडीओपी क्षेत्र में युवा उद्यमियों को अधिकाधिक मौका दिए जाने की योजना है। जबकि पहले से लगे उद्यमी तकनीकी उन्नयन व कारोबार विस्तार के लिए लोन ले सकेंगे।

घुंघरू योजना से होगा वर्षा जल संचयन 

वर्षा जल संचयन के लिए ‘घुंघरू’ योजना का प्रस्ताव लाया जा रहा है। इसमें बोर वेल के माध्यम से उचित स्थानों पर वर्षा जल संचयन किया जाएगा। बाद में इसे सिंचाई के काम में लाया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना बुंदेलखंड के महोबा, झांसी व ललितपुर जिलों में लागू किए जाने की उम्मीद है। एक बोर वेल से 20 हेक्टेयर तक जमीन सिंचित हो सकती है।

कुंभ मेला में बनेंगे ईको फ्रेंडली शौचालय

कुंभ मेला में इस बार स्वच्छता का विशेष प्रबंध होगा। इस बाबत कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव रखा जा रहा है। इस बार सरकार दो तरह के शौचालय बना रही है। गंगा तट पर बालू वाले क्षेत्र में ऐसे शौचालय बनेंगे, जिसे सीवेज मशीन से साफ किया जाएगा। इससे मैला गंगा में नहीं गिरेगा। जबकि मिट्टी वाले क्षेत्र में सामान्य सोख्ता शौचालय बनाए जाएंगे। इसके अलावा कम्युनिटी शौचालयों का निर्माण भी किया जाएगा ताकि खुले में शौच पर रोक लगाई जा सकेगी। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत ये विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

सुपर टाइम स्केल के जिला जज होंगे भूमि अर्जन प्राधिकरण के मुखिया

भूमि अधिग्रहण से जुड़ी प्रक्रिया में वर्तमान में भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यस्थापन प्राधिकरण के पीठासीन अधिकारी के रूप में यूपी उच्चतर न्यायिक सेवा के सुपर टाइम स्केल पद पर कार्यरत अधिकारी को नियुक्त किए जाने की व्यवस्था है। इस व्यवस्था में बदलाव का प्रस्ताव है। न्याय विभाग ने नियमावली में अब ‘यूपी उच्चतर न्यायिक सेवा का जिला जज, जिन्होंने सुपर टाइम स्केल प्राप्त कर लिया हो, को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव किया है।

औद्योगिक विकास से जुड़ी प्राधिकरणों के कर्मियों को 7वां वेतनमान

योगी सरकार औद्योगिक विकास विभाग के नियंत्रण वाले औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में लाभ की मंजूरी दे सकती है। ये संस्तुतियां एक जनवरी 2016 से लागू किए जाने का प्रस्ताव है। औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम-1976 के अधीन गठित सभी प्राधिकरण इसके दायरे में आएंगे।

रिटायर्ड प्रोफेसरों को चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में मौका

सरकार ने राजकीय चिकित्सा शैक्षणिक संस्थाओं के सेवानिवृत्त प्रोफेसरों को संविदा के आधार पर नवस्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पुनर्नियोजित करने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा चार मेडिकल कॉलेजों में नव स्थापित व स्थापनाधीन सुपरस्पेशिएलिटी ब्लॉक, बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में निर्माणाधीन बाल चिकित्सालय और सीजी सिटी में सुपर स्पेशिएलिटी कैंसर संस्थान व अस्पताल में भी सेवानिवृत्त प्रोफेसरों को फिर से सेवा में लेने की सहमति मांगी है। इन प्रस्तावों को भी सहमति मिल सकती है।

 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय के प्राचार्यों की अर्हताओं में होगा बदलाव
राज्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध अनानुदानित/ स्ववित्त पोषित अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों की अर्हताओं में संशोधन की तैयारी है। उच्च शिक्षा विभाग इससे जुड़ा प्रस्ताव ला रहा है।

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