एनटी न्यूज डेस्क/ श्रवण शर्मा/दिल्ली
बदलती जीवनशैली और कामकाज में महिलाएं इतनी व्यस्त रहती है कि उन्हें अपने बच्चे को स्तनपान करवाने का समय ही नहीं मिलता। स्तनपान संबंधी जानकारी और इसके फायदे समझाने के लिए स्तनपान दिवस सप्ताह मनाया जाता है। यह सप्ताह केवल घरों में ही नहीं बल्कि कार्यालयों में भी इस प्रकार का माहौल बनाने पर बल देता है जिससे कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
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41.6 प्रतिक्षत बच्चों को नहीं मिल रहा मां का दूध
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार बच्चे के जन्म के एक घंटे के अंदर बच्चे को मां का पहला दूध भारत में महज 44% बच्चों को ही मिल पाता है। उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण विभाग की सचिव वी. हेकाली झिमोमी ने कहा कि सरकार के लगातार प्रयासों और जागरुकता अभियानों के बाद भी कई नवजातों को माताओं का दूध प्राप्त नहीं हो रहा है।
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यूपी में स्तनपान के आंकड़े
यूपी में 25 फीसदी बच्चों को ही जन्म के एक घंटे के अंदर मां का दूध नसीब होता है। यह दूध कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है, लेकिन प्रदेश की हालत बेहद चिंताजनक है। यूपी का यह आंकड़ा देश के औसत से काफी कम है।
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क्या कहता है विज्ञान
साइंस के अनुसार जन्म के तुरंत बाद या ज्यादा से ज्यादा घंटेभर के भीतर नवजात को स्तनपान कराया जाए तो शिशु मृत्युदर काफी कम हो सकती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, नवजात शिशु के लिए पीला गाढ़ा चिपचिपा युक्त मां का के स्तन का पहला दूध (कोलेस्ट्रम) संपूर्ण आहार होता है, जिसे बच्चे के जन्म के तुरंत बाद 1 घंटे के भीतर ही शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा सामान्यत बच्चे को 6 महीने की अवस्था तक नियमित रूप से स्तनपान कराते रहना चाहिए।
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बच्चे को स्तनपान से लाभ
मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते है।
मां का दूध पचने में त्वरित और आसान होता है।
यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जो कि भविष्य में उसे कई तरह के संक्रमणों से सुरक्षित करता है।
यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है।
यह किफ़ायती और संक्रमण मुक्त होता है।
स्तनपान बच्चे और मां के बीच भावनात्मक बंधन को बढ़ाता है।
मां को स्तनपान कराने के लाभ
यह स्तन व डिम्बग्रंथि के कैंसर की संभावना को कम करता है।
यह प्रसव पूर्व खून बहने और एनीमिया की संभावना को कम करता है।
यह मां को अपनी पुरानी शारीरिक संरचना वापस प्राप्त करने में सहायता करता हैं। स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच मोटापा सामान्यत: कम पाया जाता है।
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