इधर योगी सरकार बजट पेश कर रही थी और उधर किसान आत्महत्या कर रहा था

एनटी न्यूज़ डेस्क/उत्तर प्रदेश 

राजधानी में शुक्रवार को सीएम आवास के पास एक कर्ज में डूबा किसान पेड़ पर चढ़ गया और सुसाइड की कोशिश करने लगा. सूचना पर पुलिस फायर ब्रिगेड के साथ पहुंची. किसान को उतारने की कोशिश करती रही, लेकिन वो नीचे कूदने की धमकी देता रहा. लगभग इस एक घंटे तक चले ड्रामे के बाद पुलिस उसको नीचे उतारा.

आपको बता दें,  यह घटना उस वक्त की है जब यूपी सरकार विधानसभा में अपना दूसरा बजट पेश हो रहा था.

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ये है पूरा मामला…

किसान रामराज जिले ललितपुर का रहने वाला है. आर्थिक मदद और कर्ज से परेशान होकर किसान सीएम योगी से मदद की गुहार लगाने लखनऊ पहुंचा.
लेकिन उसकी मुलाकात सीएम से नहीं हो सकी. इसपर आहात होकर किसान सीएम आवास के पास ही लगे 20 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़ गया.
इसके बाद चीख-चीख कर बोलता रहा- ”मेरे ऊपर 1.5 लाख रुपए का कर्ज है. इसे कैसे चुकाऊंगा समझ नहीं आ रहा है. सीएम मेरी मदद करें नहीं तो कूद जाऊंगा.”
वहीं, सूचना पर पहुंची पुलिस उसे नीचे उतारने की कोशिश करती रही. लेकिन जब वो नहीं माना तो पुलिसकर्मियों ने कहा- तुम्हारा बच्चा रो रहा है, तुम्हे इसकी कसम नीचे उतर आओ.
करीब 1 घंटे चले ड्रामा के बाद किसान नीचे उतर आया. पुलिस उसे पकड़ कर थाने ले गई, पूछताछ की जा रही है.

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कर्ज माफी को लेकर क्या हुआ ?…

यूपी के किसानों में 3,27,470 करोड़ रुपए ये के कर्ज बोझ के साथ देश का दूसरा सबसे ऋणग्रस्त राज्य रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ  ने ऋण माफी के जरिए बड़ी संख्या में ऐसे किसानों को राहत देने का दावा किया है.
उत्तर प्रदेश के 1.5 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को कुल मिलाकर 36,359 करोड़ रुपये की ऋण माफी दी गई है जो किसी भी राज्य में दी गई अब तक की सबसे बड़ी माफी है.
प्रत्येक किसान को 1 लाख रुपये की ऋण माफी दी गई है, लेकिन इसमें सहकारी बैंकों सहित किसी भी बैंक से लिए गए समस्‍त ऋण शामिल हैं.
इस योजना के तहत ऐसे ऋणों को माफ किया जा रहा है जिनका वास्‍ता धान, गेहूं, उर्वरकों और कीटनाशकों से है. वहीं, दूसरी ओर उपभोग के लिए गए ऋणों को माफ नहीं किया गया है.
इसके तहत केवल उन्‍हीं ऋणों पर विचार किया जाएगा जो 31 मार्च 2016 से पहले लिए गए हैं.

28 परसेंट किसानों ने लिया ऋण

बता दें, यूपी में आधे से भी कम छोटे और सीमांत किसानों ने बैंकों से ऋण लिए हैं. यूपी में 1.7 करोड़ किसान हैं और एक एकड़ से कम जमीन वाले समस्‍त किसानों में से सिर्फ 28 प्रतिशत ने ही बैंकों से उधार लिया है, जबकि बचे 72 प्रतिशत किसानों ने गैर-औपचारिक तरीके से साहूकारों से ऋण ले रखे हैं.

वहीं, एक से लेकर पांच एकड़ तक जमीन वाले किसानों में से 67 प्रतिशत किसानों ने बैंकों से उधार लिया है. जैसा कि पहले से होता आया है, यूपी की ऋण माफी योजना से छोटे और सीमांत किसानों के बजाय बड़े किसानों को फायदा होता आया है.

गन्ना किसानों के अब तक हुए 85 भुगतान

गन्ना किसानों को 23,500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कराया.

85 फीसदी से ज्यादा गन्ना किसानों के पैसे का भुगतान हो चुका है.

नया सत्र शुरू होने से पहले शत प्रतिशत भुगतान कर दिया जाएगा.

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