एनटी न्यूज़ डेस्क/ भाजपा-कांग्रेस
दिल्ली में नगर निगम चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर पार्टी में घमासान मचाने वाले अरविंदर सिंह लवली ने एक बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन छोड़कर अपनी पुरानी पार्टी का साथ देने का फैसला किया है. यह घर वापसी किस कारन से हुई है, अभी तय नहीं हो पाया है लेकिन कांग्रेस कि दिग्गज नेता और कांग्रेस दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन पर गंभीर आरोप लगाकर पार्टी छोड़ने वाले अरविंदर सिंह लवली का एक बार कांग्रेस का साथ देना दिल्ली की राजनीति में एक बड़ी घटना है. असल में लवली शीला दीक्षित के खेमे के नेता माने जाते हैं. इतना ही नहीं, अरविंदर सिंह लवली दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष की भूमिका भी निभा चुके हैं. माना जा रहा लवली के साथ कई और पुराने कांग्रेसी नेता भाजपा और आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.
राहुल से मुलाक़ात के बाद लिया फैसला
अगर खबरों की माने तो उनके हवाले से कहा जा रहा है कि अप्रैल, 2017 में भाजपाई हुए नेता अरविंदर लवली ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस में वापसी का फैसला किया. फिर शनिवार को उन्होंने घरवापसी कर ली.
इस घरवापसी में उन्हें क्या मिलेगा अभी तय नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि लवली को कांग्रेस में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.
यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस ज्वाइन करने की पंक्ति में बरखा सिंह, अमित मालिक, प्रत्यूष कंठ सहित कुछ पुराने कांग्रेसी शामिल हैं. कहा जा रहा है कि इन सबकी जल्द ही कांग्रेस में वापसी हो सकती है.
क्या कहा अरविंदर सिंह लवली ने
BJP leader Arvinder Singh Lovely rejoins Congress in presence of Ajay Maken, PC Chacko and others in #Delhi. pic.twitter.com/jvxDtWsGOq
— ANI (@ANI) February 17, 2018
भाजपा छोड़ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन करना मेरे लिए कोई खुशी का निर्णय नहीं था. यह पीड़ा में लिया गया फैसला था.
उन्होंने कहा कि वैचारिक रूप से मैं भाजपा में अनफिट था. बता दें कि लवली पहले भी दिल्ली में कांग्रेस के मुख्य चेहरों में शामिल थे और आज भी सिख समुदाय के बीच उनकी अच्छी पैठ माना जाती है.
Mere liye koi khushi ka nirnay (leaving Congress, joining BJP) nahi tha. Peedha mein liya hua decision tha woh. Ideologically main wahaan (BJP) misfit tha: Arvinder Singh Lovely after rejoining Congress. pic.twitter.com/tS6VY8IxP6
— ANI (@ANI) February 17, 2018
क्या कहा पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने
अरविंदर की पार्टी में वापसी पर कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने कहा कि मुझे काफी अच्छा लग रहा है कि अरविंदर पार्टी में वापिस आए हैं. उन्होंने पाया कि आखिर में अपना घर ही अच्छा होता है.
Mujhe kaafi accha lag raha hai ki woh waapis aagaye hain. Unhone realise kara ki end mein apna ghar hi accha hota hai: Sheila Dikshit, Congress. pic.twitter.com/Q4KcJK4lqr
— ANI (@ANI) February 17, 2018
वहीं, लवली के कांग्रेस में वापसी के मौके पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि हमें ये घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि कांग्रेस पार्टी में अरविंदर जी वापस आ गए हैं.
माकन ने कहा कि अरविंदर कांग्रेस के मज़बूत सिपाही थे इनके आने से कांग्रेस और मज़बूत होगी सुबह राहुल गांधी जी से मुलाक़ात हुई थी.
अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस को इससे बल मिलेगा. इस मौके पर अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मैं मजबूरी में गया था. वैचारिक मतभेद थे. संवादहीनता दूर हुई है. मैं पार्टी के लिए सब कुछ करूंगा.
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बात से अरविंदर सिंह लवली की अनबन शुरू हो गई थी. हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि उन्होंने कांग्रेस से ही इस्तीफा दे दिया था.
लवली, शीला सरकार में शिक्षा, शहरी विकास, पर्यटन और परिवहन मंत्री रह चुके हैं. लवली कांग्रेस के 4 बार विधायक रहे हैं. 1998 में पहली बार दिल्ली के गांधी नगर से विधायक बने थे.
और अजय माकन ने मान ली अपनी गलती
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही शीला दीक्षित और अजय माकन के बीच समझौता हुआ है. अजय माकन ने अपनी गलती मान कर कहा था कि उन्हें शीला दीक्षित को पहले मना लेना चाहिए था.
ख़बरों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने पिछले दिनों अपनी ही पार्टी के पुराने नेताओं के साथ बैठक की थी.
अजय माकन ने खुद स्वीकार किया था कि वह सभी साथ लेकर चलने में नाकाम रहे. यही वजह थी कि पिछले चुनावों में हार मिली है.
वहीं, उनके इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने प्रतिक्रिया में कहा था कि अजय माकन ने अपनी गलती सुधार ली है.
क्यों कांग्रेस से नाराज थे लवली
दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले टिकट बंटवारे से नाराज होकर अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस छोड़कर 4 अप्रैल 2017 के दिन भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था.
भाजपा में शामिल होने के दौरान अरविंदर ने कहा था कि उन्होंने अपने आत्मसम्मान के लिए कांग्रेस का साथ छोड़ा था.
भाजपा का दामन थामने के दौरान यह कहा था लवली ने
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मैंने जिस कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया था, वह अब बदल गई है, उसकी विचारधारा बदल गई है और यही मेरे पार्टी छोड़ने का कारण है.
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जिस पार्टी में अपने नेताओं का कोई सम्मान नहीं है तो उससे गरीबों और दलितों का हिमायती होने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
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मैं बहुत असहाय महसूस कर रहा था. चुनाव समिति में कोई भूमिका नहीं थी. पार्टी के घोषणापत्र पर कोई राय नहीं ली जाती थी तो हम पार्टी में कर क्या रहे थे?
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एक पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष का काम पार्टी को जोड़कर रखना होता है, न कि पार्टी के कैडर को खत्म कर देना. उस पार्टी का भविष्य कैसा होगा, जो अपने नेताओं का ख्याल नहीं रखती.