एनटी न्यूज़ डेस्क/ भारत-ईरान
भारत और ईरान के संबंधो को अधिक ऊंचाई पर ले जाने के लिए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी भारत के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने अपने दौरे के आखिरी दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपने 23 सदसीय दल के साथ के द्विपक्षीय बातचीत की. इस संयुक्त वार्ता में रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश तथा ऊर्जा सहित नौ मुद्दों पर भारत-ईरान के बीच सहयोग बढ़ाने का लक्ष्य रखते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया.
किस-किस क्षेत्र में हुआ समझौता
भारत- ईरान के बीच दोहरे कर से बचने, वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने और प्रत्यर्पण संधि की पुष्टि करने सहित नौ समझौते हुए हैं.
#Delhi: MoUs exchanged between India & Iran in the presence of Prime Minister of India Narendra Modi & President of Iran #HassanRouhani. pic.twitter.com/HwAYhmX9lU
— ANI (@ANI) February 17, 2018
आज यानि शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश तथा ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लक्ष्य से ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ ठोस और फलदायी बातचीत की.
#WATCH Live via ANI FB from Delhi: PM Narendra Modi and Iran President Dr #HassanRouhani issue joint statements https://t.co/cXf1aZ7OaQ pic.twitter.com/kqj42fz4sw
— ANI (@ANI) February 17, 2018
दोनों समक्ष नेताओं ने इस भेंट के दौरान क्षेत्रीय हालात पर भी विस्तृत चर्चा हुई और सभी क्षेत्रों सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
क्या कहा पीएम मोदी ने…
संयुक्त प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चाबहार पोर्ट के निर्माण में आपने (ईरान) जिस तरह का नेतृत्व उपलब्ध कराया, मैं उसके लिए आपका शुक्रिया अदा करता हूं.
The two countries want to see our neighbor Afghanistan safe and prosper. We want to see our neighbors free of terrorism: PM Narendra Modi pic.twitter.com/98bYhcSERn
— ANI (@ANI) February 17, 2018
उन्होंने कहा कि मैंने 2016 में तेहरान का दौरा किया था. अब आपके (हसन रूहानी) यहां आने से हमारे रिश्ते और मजबूत होंगे. हम साथ चलकर बेहतर विश्व के निर्माण में और सहयोग करेंगे.
I thank you for the way you provided leadership in developing Chabahar Port: PM Narendra Modi to Iran President Dr #HassanRouhani pic.twitter.com/Tzavzxb6Lm
— ANI (@ANI) February 17, 2018
क्या कहा हसन रूहानी ने
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हम दोनों देशों (भारत और ईरान) के बीच रेलवे रिलेशन्स विकसित करना चाहते हैं.
We share views on 2 crucial issues – transit & economy. We want to develop railway relations between the 2 countries & are seeing development of Chabahar Port: Iran President #HassanRouhani pic.twitter.com/EEIRD7kNnE
— ANI (@ANI) February 17, 2018
उन्होंने कहा कि दोनों देशों (भारत और ईरान) के बीच के संबंध व्यापार और कारोबार से आगे जाएंगे.
The relations between the two countries goes beyond trade & business, it goes back in history: Iran President #HassanRouhani pic.twitter.com/hO07xY0DZf
— ANI (@ANI) February 17, 2018
पड़ोसियों को आतंक से मुक्त करना है धेय
साझा बयान जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं 2016 में तेहरान गया था और अब जब आप (रूहानी) यहां आए हैं तो इससे हमारे रिश्ते गहरे और मजबूत हुए हैं.”
I travelled to Tehran in 2016 and now when you come here now, it deepens
& strengthens our relationships: PM Narendra Modi pic.twitter.com/sz9p39pK2k— ANI (@ANI) February 17, 2018
उन्होंने कहा, “दोनों देश पड़ोसी अफगानिस्तान को सुरक्षित और समृद्ध देखना चाहते हैं. हम अपने पड़ोसियों को आतंक से आजाद देखना चाहते हैं.”
रुहानी ने कहा- भारत का शुक्रिया
इसके बाद, हसन रुहानी ने अपनी बात रखते हुए कहा, “हमें भारत सरकार से काफी प्यार मिला और इसके लिए मैं यहां के लोगों और सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं.”
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ता कारोबार और व्यापार से बहुत आगे है. ये इतिहास से जुड़ा है. परिवर्तन और अर्थव्यवस्था इन 2 महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारी राय एक है.
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि हम दोनों देशों के बीच रेलवे संबंध भी शुरू करना चाहते हैं. दोनों देश चाबहार पोर्ट के विकास में भी शामिल हैं.
प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया है, ”सभ्यताओं का मिलन, समकालीन संदर्भ. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति डॉक्टर रूहानी का भारत में स्वागत किया. उन्होंने लिखा है.”
In a warm gesture, Iranian President Dr. Rouhani gifted an animated version of Kalila Wa Demna (Farsi translation of the Panchtantra) and a copy of the Mahabharat in Farsi to PM @narendramodi. #DustemanIran pic.twitter.com/5VjZmI3cEu
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) February 17, 2018
उन्होंने एक अन्य ट्विट में लिखा, ”दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, ऊर्जा, संपर्क, रक्षा और सुरक्षा तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर ठोस और फलदायी वार्ता की. इससे पहले रूहानी का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया.”
On sidelines of the bilateral meeting between PM @narendramodi and Iranian President Dr. Rouhani, agreements were signed in areas like double taxation avoidance, extradition, agricultural cooperation, port lease, medicine and others. List at https://t.co/6tzYJSOF37 #DustemanIran pic.twitter.com/appJIO6kvw
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) February 17, 2018
इसके भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी राष्ट्रपति रूहानी से मुलाकत की और कई मुद्दों पर बातचीत की.
A close friend in our extended neighbourhood! EAM @SushmaSwaraj called on President of Iran Dr. Hassan Rouhani. Strengthening cooperation in energy, connectivity, IT, education, culture and people-to-people contact came up for discussion. #DustemanIran pic.twitter.com/xFxycjVNYU
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) February 17, 2018
चाबहार होगा ट्रांजिट रूट
रूहानी शुक्रवार को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज अता करने पहुचे थे. नमाज़ अता करने के बाद उन्होंने कहा था कि ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत के लिए (पाकिस्तान से गुजरे बगैर) ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों के साथ यूरोप तक ट्रांजिट रूट खोलेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि ईरान तेल और नेचुरल गैस रिसोर्स के मामले में अमीर है. इसलिए वह भारत की तरक्की के लिए अपने नेचुरल रिसोर्सेज साझा करने को तैयार है.
इसके अलावा रूहानी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देने की भी मंशा जाहिर की.
भारत को ईरान की जरूरत क्यों है? इसको तीन प्वॉइंट के जरिए समझा जा सकता है…
पहला: भारत को सस्ते ऑयल और गैस के लिए पश्चिम एशिया की जरूरत है. ईरान समेत इस रीजन के बाकी देश इस सच्चाई को जानते हैं.
अमेरिका अब अपनी जरूरतों के लिए इन मुल्कों का मोहताज नहीं रहा. भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है. एनर्जी सेक्टर में दोनों देश मिलकर बड़ी कामयाबी हासिल कर सकते हैं.
दूसरा: चाबहार पोर्ट दोनों देशों का प्रोजेक्ट है. कुछ हद तक शुरू हो चुका है. यहां से बिना पाकिस्तान जाए अफगानिस्तान और आगे के मुल्कों तक सामान सप्लाई किया जा सकता है.
दोनों ही देश चाहते हैं कि चाबहार का काम तय वक्त से पहले पूरा किया जाए. ईरान में इससे रोजगार बढ़ेगा. रूहानी इस पर भारत की मदद चाहेंगे.
तीसरा: ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि रूस, पाकिस्तान और कुछ हद तक ईरान भी अफगान तालिबान को मदद करते हैं. अफगानिस्तान में भारत की बड़ी मौजूदगी है.
तालिबान अफगान सरकार और अमेरिका के लिए खतरा है. रूहानी पर भारत दबाव डाल सकता है कि वो तालिबान और दूसरे आतंकी संगठनों पर सख्ती दिखाएं.