Monday , 20 May 2024

भारत और ईरान के राष्ट्राध्यक्षों के बीच चल रही है द्विपक्षीय वार्ता, जानिए क्या है अहम

एनटी न्यूज़ डेस्क/ भारत-ईरान

ईरान और भारत के लगभग पांच हजार साल पुराने संबंधों को और धार देने के लिए वहां के राष्ट्रपति हसन रूहानी तीन दिवसीय भारत के आधिकारिक दौरे पर हैं. आज यानी शनिवार उनके तीन दिवसीय दौरे का आखिरी दिन है. हसन रूहानी अपनी ने यात्रा के आखिरी दिन दिल्ली में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकत की. इस दौरान उन्हें राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ़ ऑनर देकर उनका सम्मान किया गया.

राष्ट्रपति हसन रूहानी

हैदराबाद हाउस में चार रही है वार्ता…

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत चल रही है.

इस बातचीत दोनों देशों के बीच कई अहम् समझौते होने के आसार है. जो भारत और ईरान दोनों के लिए आने वाले समय बहुत की काम के साबित हो सकते हैं.

क्यों अहम् है यह दौरा…

राष्ट्रपति रूहानी का यह दौरा इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भारत दौरे के करीब एक महीने के बाद हुआ है. इसे भारत की तरफ से साथ संतुलन बनाने की दिशा के तौर पर देखा जा रहा है.

आइये जानते हैं हसन रूहानी के भारत दौरे की खास बातें क्या हैं-

1- हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति रूहानी के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता हो रही है. इसमें चाबहार बंदरगाह के कार्यों में प्रगति समेत कई महत्वपूर्ण समझौते पर मुहर की उम्मीद है.

2- भारत और ईरान यह उम्मीद कर रहा है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति रूहानी के बीच बैठक के दौरान कई अहम समझौतों पर मुहर लगेगी.

इसके साथ ही, चाबहार बंदरगाह को लेकर कार्य में प्रगति जिसे ईरान यह मानता है कि अन्य देशों पर अमेरिकी दबाव में के चलते यह फंस गया हुआ है और ईरान पर ताज़ा प्रतिबंध पर चर्चा होगी.

3- भारत पहले ही 1.1 मिलियन टन गेंहू चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान भेज चुका है. 85 मिलियन डॉलर का यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान में चीन द्वारा बनाए गए ग्वादर बंदरगाह से महज 90 किलोमीटर दूर है.

भारत के लिए चाबहरा बंदरगाह खास महत्व इसलिए रखता है क्योंकि पाकिस्तान को अलग करते हुए भारत-ईरान और अफगानिस्तान के बीच एक रास्ता देता है.

4- तेल और गैस सहयोग बातचीत में एक और मुद्दा होगा. भारत गैस और तेज का ईरान से आयात करता है लेकिन दक्षिण ईरान के फरज़ाद-बी गैस एंड ऑयल फील्ड्स को लेकर डील पेंडिंग है, जिस पर भारत ने अपनी इच्छा जताई है.

5- राष्ट्रपति रूहानी ने हैदराबाद में कहा- ईरान के बाद प्रचूर मात्रा में गैस और तेल का भंडार है और वह भारत की प्रगति और यहां के लोगों की संपन्नता के लिए उसके साथ साझा करना चाहता है.

रूहानी के साथ 21 सदस्यीय मंत्रियों और व्यवसायियों का प्रतिनिधिमंडल ईरान से यहां पर आया है और वे कई अहम समझौतों पर मुहर लगते देखना चाहते हैं.