Saturday , 27 April 2024

DG Shipping: नाविकों की समस्याओं के निदान के लिए ‘Crisis management’ टीम का गठन !

DG Shipping: मुम्बई। शिपिंग डिपार्टमेंट में एकब एक बड़ा सकारात्मक बदलाव दिखा है , इस बदलाव की मांग बहुत जोरो से थी। यह कार्य अगर पहले हो जाता तो आज तस्वीर कुछ और होती लेकिन कोई बात नही ।देर आये दुरुस्त आये वाली कहावत यहां चरितार्थ होती है।

 

आपको बता दें कि,डायरेक्टर जनरल ऑफ शिपिंग की आदेश संख्या १० , दिनांक ११/०८/२०२३ को DG Shipping के सरकारी वेबसाइट पर प्रकाशित एक नियम के अनुसार जहाजरानी निदेशालय ने बड़ा कदम उठाते हुए ‘क्राइसिस मैनजेमेंट’ (Crisis management ) का गठन किया है। यह नाविकों की मूलभूत समस्याओं के निराकरण से जुड़ा है। इसे बिंदुवार तरीके से समझते हैं।

 

१) लगातार विगत कई वर्षों से भारतीय नाविकों को होने वाले ऐसे अनेक तकलीफों का सामान करना पड़ रहा है , जिसमे भारतीय नाविकों की हत्या , धोखाधड़ी, संदेहास्पद परिस्थितियों में नाविकों का गायब हो जाना , जहाज मालिको द्वारा नाविकों का परित्याग जिसमे न उन्हें पगार मिलता है न खाने पीने के लिए भोजन , नाविको को विदेशी जमीन पर जहाज़ मालिको द्वारा शोषण के लिए छोड़ देना , नाविको को बेवजह गुनहगार साबित कर के विदेशी जेलो में रखना आदि ऐसी अनेक ज्वलंत मुद्दे थे जिनके लिए हमने अथक प्रयास किया और आज उसी का नतीजा है कि डी जी शिपिंग ने एक क्राइसिस मैनेजमेंट प्रतिक्रिया समूह का निर्माण किया है । इस बारे में पूर्व में ‘न्यूज़ टैंक्स’ ने कई बार उच्चाधिकारियों से बात की थी।

 

वहीं हाल ही में सेलर्स यूनियन ऑफ इंडिया (SUI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर पी वीटटील ने न्यूज़ टैंक्स से बात करते हुए बताया कि,

क्राइसिस मेंजमेंट एंड रिएक्शन ग्रुप के गठन के लिए सेलर्स यूनियन ऑफ इंडिया के  महामंत्री प्रदीप सिंह, बीएमएस केंद्रीय संघटन मंत्री  बी सुरेंद्रन, उपाध्यक्ष जगदीश्वर रॉव , शिपिंग सेक्टर प्रभारी  धूमल ने १०/२/२०२२  को मेरे नेतृत्व में केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्वदानंद सोनेवाल से उनके दिल्ली स्थित ऑफिस जाकर मुलाकात की। श्री वीटटील ने बताया कि सैलिर्स यूनियन ऑफ इंडिया का 21 समस्याओं में एक मिसिंग Seafarers का था।

उन्होंने बताया कि हाल ही में १४/०७/२०२३ की डायरेक्टर जनरल ऑफ शिपिंग से मुलाकात की, शिपिंग में सीफरेस का सारी समस्याओं को बारे में बातचीत की। उसके बाद में ये, क्राइसिस मेंजमेंट एंड रिएक्शन ग्रुप घटन करने का निर्णय डीजीएस ने ली जिसका हम सब स्वागत करते हैं। और जहाजरानी मंत्री , केंद्रीय राज्य मंत्री व डीजी शिपिंग को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।

 

 

अधिकारियों से वार्ता करते SUI के पदाधिकारी………

 

२) आपको यहां बताना चाहता हूं की यूं तो भारतीय नाविकों के लिए कई संगठन, कई यूनियन है , पर लगभग सब के सब महज जहाज मालिको के दलाल और नाविकों का शोषण ही करते है ।ये तमाम ऐसे यूनियन नाविकों के भावना और उसके परिवार के भरोसे को बाजार में नीलाम करके अपना दुकान चलाते हैं , इसमें कई घोटाले भी शामिल हैं ।उन घोटालों की चर्चा भी कभी करेंगे। कुछ यूनियन अथवा सक्रिय लोग थे जो सुधार की मांग करते और सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते थे।

 

शिपिंग अधिकारी से मिलते आरपी बिटिल (SUI)……..

 

३) अब आपको ये क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के बारे में बताना चाहूंगा , ये ग्रुप का उद्देश्य है की ऐसे कोई भारतीय नाविक जिन्हे ये सब समस्याएं है उनकी तत्काल मदद करने के लिए इस ग्रुप में डी जी शिपिंग के अधिकारी जिसमे खुद डी जी साहब , ए डीजी , डीडीजी क्रू ब्रांच, डीडीजी ट्रेनिंग ब्रांच, एमएमडी के प्रिंसिपल ऑफिसर सहित डीएसईओ के निदेशक और अन्य अधिकारी की एक पूरी टीम है ।

 

४) इस ग्रुप का उद्देश्य त्वरित करवाई करना और उन्हें ये सब करवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है , इनके अधिकार क्षेत्र में आरपीएसएल एजेंसीज, कई घटक संस्थाएं जो ये सब मामले से संबंधित है , कोई थर्ड पार्टी जो ऐसे मामले में शमिल हो सब पर ये ग्रुप अपने संविधानिक संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करके मामले की जांच पड़ताल, कार्यानवन , प्रबंध तथा मौजूदा नियमों कानूनों के तहत हर उचित करवाई कर सकती है ।

 

३) साथ ही ये क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप का उद्देश्य भारतीय मैरिटाइम प्रबंधन , जहाजों तथा नाविको की सुरक्षा , जहाजों द्वारा होने वाली प्रदूषण की घटनाओं में भी होगा ।

 

 

४) ये ग्रुप बराबर ऐसे मामलों के होने पर इसके निस्पादन के लिए और जांच के लिए मीटिंग्स आदि भी लगातार पूरी संगत तरीके से करती रहेगी जिसके लिए ऐसी किसी भी परिस्थितियों में ये ग्रुप एक मजबूत स्तंभ जैसा है जो आज के परिवेश में भारतीय नाविकों के लिए जरूरी है ।