वसीम ने ख़त लिखकर कहा कि हिन्दूओं को वापस की जाएं मंदिर तोड़ बनीं नौ मस्जिदें

एनटी न्यूज़ डेस्क/ सियासत

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी ने देश में मंदिर तोड़कर बनाई गई नौ मस्जिदों को हिन्दूओं को वापस करने की मांग की है। यह मांग ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से की गई है। वसीम रिजवी ने इसके लिए बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा कि इस्लाम में किसी इबादतगाह को जबरन तोड़कर मस्जिद बनाया जाना जायज नहीं है।

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क्या लिखा है ख़त में रिजवी ने

वसीम रिजवी ने अपने पत्र में लिखा है कि दूसरे इबादतगाह तोड़कर बनाई गई मस्जिदों में किसी भी तरह की अल्लाह की इबादत जायज नहीं है। इसलिए ऐसी मस्जिदें हिन्दू समाज को सौंप दी जाएं।

उन्होंने आगे लिखा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यदि ऐसा करेगा तो इस्लाम का असली उद्देश्य दुनिया के सामने पेश हो सकेगा। मेरा नौ मस्जिदों को हिन्दू समाज को सौंपने का जो प्रस्ताव है उसे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आगामी बैठक के आम जलसे में रखा जाए।

उन्होंने इतिहास के हवाले से लिखा कि इतिहासकारों ने अध्ययन करके नौ मस्जिदों के बारे में बताया है कि इन्हें मुगलों व उनसे पहले आए सुल्तानों ने मंदिरों को तोड़कर बनाया है। इन मस्जिदों को हिन्दूओं को वापस देने के लिए बोर्ड में आम राय बनाई जाए।

वसीम ने बोर्ड को एनजीओ की संज्ञा देते हुए कहा कि कुछ कट्टरपंथी लोग इस प्रस्ताव पर विचार ही नहीं करेंगे, लेकिन इस्लाम यह सीख देता है कि चाहे जालिम की ही पंचायत क्यों न हो अपनी हक की बात उनके सामने जरूर रखनी चाहिए।

इन इबादतगाहों को हिन्दूओं को सौंपने की वकालत

1-राम मंदिर, अयोध्या

2-केशव देव मंदिर, मथुरा

3-अटाला देव मंदिर, जौनपुर

4-काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी

5-रुद्र महालय मंदिर, बटना, गुजरात

6-भद्रकाली मंदिर, अहमदाबाद, गुजरात

7-अदीना मस्जिद, पंडुवा, पश्चिम बंगाल

8-विजय मंदिर, विदिशा, मध्य प्रदेश

9-मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम, कुतुबमीनार, दिल्ली

पत्र मिलते ही कराऊंगा एफआइआर : जिलानी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने कहा कि जैसे ही उन्हें यह पत्र मिलेगा तत्काल इस मामले की एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

देश में एक कानून है कि 15 अगस्त, 1947 को जो धर्म स्थल जैसा है उसे किसी दूसरे धर्म स्थल में तब्दील नहीं किया जाएगा। वसीम नौ मस्जिदों को देने की बात कर रहे हैं। उनके खिलाफ बोर्ड कानूनी कार्रवाई करेगा।