एनटी न्यूज़ डेस्क/ वीआइपी कल्चर
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल समेत सभी वीवीआइपी की कारों की नंबर प्लेट पर जल्द ही अन्य वाहनों की तरह रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज किया जाएगा. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय ने इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपाल, उपराज्यपाल के वाहनों की नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर की जगह राजकीय प्रतीक अशोक स्तंभ बना होता है.
ये वीवीआइपी आयेंगे नियम के दायरे में
कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की पीठ के समक्ष दाखिल शपथपत्र में बताया है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सभी राज्यों के राज्यपाल, उपराज्यपाल, विदेश मंत्रलय के सचिव को वीवीआइपी के वाहनों पर रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज कराने के लिए इस साल दो जनवरी को पत्र लिखा जा चुका है.
उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उनके यहां इस्तेमाल में लाए जा रहे सभी वाहनों का पंजीकरण कराया जाए और नियमानुसार पंजीकरण नंबर प्रदर्शित किया जाए.
केंद्र सरकार के वकील राजेश गोगना ने कोर्ट को बताया कि उपराष्ट्रपति कार्यालय से पत्र का जवाब भी आ चुका है, जिसके मुताबिक, उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी के इस्तेमाल वाले वाहनों समेत सचिवालय के सभी वाहनों पर रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज है.
विदेश मंत्रलय ने सूचित किया है कि उनके पास ऐसे 14 वाहन हैं, जिनका विदेश से आए वीवीआइपी के दौरे के दौरान इस्तेमाल होता है. इन सभी वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका
ज्ञात हो, गैर सरकारी संगठन न्यायभूमि के सचिव राकेश अग्रवाल ने इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
अर्जी में दावा किया गया था कि रजिस्ट्रेशन नंबर की जगह अशोक स्तंभ लगे वाहनों पर लोगों को ध्यान जल्दी चला जाता है. इन वाहनों को आतंकी या बदमाश आसानी से निशाना बना सकते हैं.
यही नहीं, इन वाहनों से हुई दुर्घटना के बाद पीड़ित मुआवजे से वंचित रह जाता है क्योंकि वाहन की कोई पहचान नहीं है.
याचिका में दिल्ली सरकार और पुलिस से मोटर वाहन कानून के तहत पंजीकृत नहीं कराई गई राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति और राजनिवास सहित वीवीआइपी की कारों को जब्त करने का निर्देश देने की मांग भी की गई है.