एनटी न्यूज़ डेस्क/ राजनीति
संसद के दोनों सदनों में बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो चुका है. इस सत्र के दूसरे दिन भी उम्मीद के मुताबिक विपक्ष ने हंगामा करते हुए पीएनबी घोटाले पर सरकार को घेरने की कोशिश की. इसको देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक के लिए और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.
More #Visuals from Parliament in #Delhi where Congress MPs in presence of party president Rahul Gandhi held protest over #PNBScam pic.twitter.com/8IUuVh6Uyn
— ANI (@ANI) March 6, 2018
वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस सांसदों ने भी पीएनबी घोटाले को लेकर संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे. वह कल ही इटली से वापस लौटे हैं, जहां अपने नानी से मुलाकात करने गए थे.
Delhi: Congress MPs staged protest near Mahatma Gandhi statue in Parliament over #PNBScam; party president Rahul Gandhi also present pic.twitter.com/FKhzx2Hlqc
— ANI (@ANI) March 6, 2018
इसके साथ ही आज भी तेलगु देशम पार्टी ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. विपक्ष के साथ-साथ सरकार को सहयोगी दल के कड़े तेवर का भी सामना करना पड़ रहा है.
पहले दिन भी हुआ खूब हंगामा
इस सत्र के पहले दिन भी संसद के दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ. राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई.
विपक्ष ने विरोध-प्रदर्शन किया और फिर दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. विरोध-प्रदर्शन का आलम ये था कि दोनों सदनों की कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा और फिर अंततः पूरे दिन के लिए ही स्थगित करना पड़ा.
Delhi: Telugu Desam Party (TDP) MPs stage protest near Mahatma Gandhi statue in Parliament demanding Special Category Status for #AndhraPradesh pic.twitter.com/9cmjCyLNYr
— ANI (@ANI) March 6, 2018
वहीं, दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर राजग गठबंधन में भाजपा की सहयोगी टीडीपी के विरोध-प्रदर्शन के बाद जहां राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई, वहीं पीएनबी घोटाले को लेकर लोकसभा की कार्यवाही भी दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.
Delhi: Telugu Desam Party (TDP) MPs stage protest near Mahatma Gandhi statue in Parliament demanding Special Category Status for #AndhraPradesh pic.twitter.com/WLYYYRHUJ4
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पीएम मोदी भी पहुंचे थे संसद
सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी भी संसद पहुंचे थे, जहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में उनका जोरदार स्वागत किया गया.
कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी पार्टियों ने एनडीए सरकार को घेरने के लिए पीएनबी घोटाले को उठाने की रणनीति तैयार की है.
विपक्षी पार्टियां संयुक्त संसदीय समिति से पीएनबी घोटाले की जांच कराने की मांग भी करने वाली हैं.
हालांकि तीन राज्यों की ताजा चुनावी कामयाबी से उत्साहित सरकार भी घोटाले की जांच में बरती जा रही तेजी के सहारे विपक्ष के दांव को थामने के लिए तैयार है.
विपक्ष को मिला तगड़ा हथियार
संसद के दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए पीएनबी घोटाले पर बहस की मांग की रणनीति से साफ है कि विपक्षी दल बजट सत्र के दूसरे चरण में इस मुद्दे को सरकार के खिलाफ सबसे अहम सियासी हथियार बनाएंगे.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पीएनबी घोटाले से पहले विपक्षी दलों के लिए एनडीए सरकार पर सवाल उठाने की गुंजाइश नहीं थी.
लेकिन नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के इस घोटाला प्रकरण के सामने आने के बाद विपक्षी दल खासतौर पर कांग्रेस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एनडीए की नैतिक बढ़त को खत्म करना चाहती है.
शायद इसीलिए संसद सत्र में दूसरे विपक्षी दलों के साथ जेपीसी के गठन की संयुक्त रणनीति पर कांग्रेस चर्चा कर रही है ताकि एनडीए सरकार को भी भ्रष्टाचार के मसले पर घेरा जा सके. संसद का यह बजट सत्र 6 अप्रैल तक चलेगा.
भाजपा भी है जवाबी मूड में
विपक्षी दलों की इस रणनीति को देखते हुए सरकार भी जवाबी दांव चलने में कसर नहीं छोड़ेगी. संसद सत्र के अवकाश के बाद आगाज से ठीक पहले कैबिनेट ने देश से धोखाधड़ी कर विदेश भाग जाने वाले आरोपियों से वसूली करने वाले बिल को मंजूरी दे दी है.
सरकार इसी सत्र में यह बिल संसद से पारित कराने की प्रतिबद्धता के साथ नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई की तत्परता के ब्यौरे के साथ भी विपक्ष के प्रहारों का जवाब देने की कोशिश करेगी.
महंगाई और किसानों के मुद्दों पर भी प्रखर
पीएनबी घोटाले के साथ विपक्ष इस सत्र में महंगाई और किसानों की खराब हालत के मसले पर भी सरकार को घेरने का प्रयास करेगा.
वहीं, एक साथ तीन तलाक की प्रथा रोकने संबंधी बिल पारित कराने को लेकर भी अगले एक महीने तक संसद में सियासी सरगर्मी चरम पर होगी.
तीन तलाक बिल लोकसभा से पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने बजट सत्र के पहले चरण के दौरान इस बिल को राज्यसभा की सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग रखी थी मगर सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई थी.
विपक्षी पार्टियां तीन तलाक बिल में कुछ संशोधन चाहती हैं जबकि सरकार लोकसभा से पारित बिल में किसी बदलाव के पक्ष में नहीं है.