गोरखपुर उपचुनाव मतगणना : कौन हैं गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला, जिन पर सवाल उठ रहे हैं 

एनटी न्यूज डेस्क/ लखनऊ 

गोरखपुर में मतगणना के दौरान सपा उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद ने गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं और मीडिया को मतगणना स्थल पर नहीं जाने देने का आरोप लगाया है .
इसको लेकर समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने विधानसभा में खूब हंगामा काटा . जिससे विधानसभा 10 मिनट तक स्थगित रही . सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर, गोरखपुर काउंटिंग सेंटर से मीडिया को हटा देने का आरोप लगाया है .

इस पत्र में डीएम पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा गया है कि डीएम बीजेपी की जीत के मकसद से काम कर रहे हैं.

योगी के करीबियों में होता है शुमार 

 डीएम राजीव रौतेला को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है . राजीव रौतेला को 2010 में आगरा के एसडीएम रहते सांप्रदायिक तनाव को हवा देने के आरोप में हाईकोर्ट ने सस्पेंड कर दिया था . जिसके बाद सीएम योगी ने इन्हें बहाल कर अपने गृह जिले में तैनात किया.
 

2002 बैच के आईएएस अधिकारी हैं 

गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला वर्ष 2002 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और मूलरूप से उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले हैं । राजीव रौतेला को तेज तर्रार प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है । अप्रैल 2017 में योगी सरकार के गठन के बाद उन्हें जिले की कमान दी गई थी .

बीआरडी मामले में अनदेखी का था आरोप 

इसके साथ ही गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रकरण में भी डीएम राजीव रौतेला पर भी ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी की चेतावनी वाली चिट्ठी की अनदेखी का आरोप लगा था लेकिन इसके बावजूद उन पर किसी तरह की कार्यवाई नहीं हुई थी .

हालांकि, ऑक्सीजन कांड में बच्चों की मौत के मामले डीएम ने एक जांच भी कराई। यह रिपोर्ट भी शासन को भेजी गई। इस रिपोर्ट और मुख्यसचिव की कमेटी वाली जांच रिपोर्ट में कोई ज्यादा असमानता नहीं रही। और इन्हीं रिपोर्ट्स के आधार पर कार्रवाई तय की गई।