अब केंद्र सरकार की बात पहुंचेगी हर जिले तक, बदला संवाद का तरीका

एनटी न्यूज़ डेस्क/ केंद्र सरकार

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आम चुनाव से ठीक एक वर्ष पहले राजग सरकार ने संवाद के अपने ढांचे में आमूल चूल कर दिया है. मकसद यह है कि केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में देश के कोने कोने तक सही जानकारी पहुंचाई जाए ताकि जनता इसका पूरा लाभ उठा पाए. इस उद्देश्य से सूचना व प्रसारण मंत्रलय ने अपने तीन अहम इकाइयों को एक ही ढांचे ब्यूरो आफ आउटरीच कम्यूनिकेशन (बीओसी) में समेट दिया है.

इसे अमली जामा पहनाने के लिए मंत्रलय के प्रशासनिक ढांचे में भारी बदलाव किया गया है और देश के कई हिस्सों में अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. नया ढांचा न सिर्फ ज्यादा आधुनिक होगा बल्कि यह सरकार के लिए किफायती व सटीक भी होगा.

स्मृति ईरानी ने दी जानकारी

सूचना व प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है. सूचना प्रसारण सचिव एन के सिन्हा ने मंत्रलय के ब्लाग पर इसकी विस्तृत जानकारी भी दी है.

इसमें बताया गया है कि मंत्रलय के तीन मौजूदा विभाग डीएवीपी, डीएफपी और संगीत और नाटक विभाग को अब बीओसी में मिला दिया गया है.

इसकी वजह से 36 क्षेत्रीय इकाइयों की संख्या घट कर 24 रह गई है जबकि 251 फील्ड यूनिट की संख्या घट कर महज 148 रह गई है.

क्षेत्रीय इकाइयों को अब क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो (आरओबी) के नाम से जाना जाएगा और फील्ड इकाइयों को फील्ड आउटरीच ब्यूरो (एफओबी) के नाम से जाना जाएगा.

बीओसी के मुखिया महानिदेशक स्तर के अधिकारी होंगे जबकि अतिरिक्त महानिदेशक आरओबी के मुखिया होंगे.

अब हर जिले के पास होगा अपना अधिकार

सूचना व प्रसारण मंत्री ईरानी पूर्व में भी इस बात के संकेत दे चुकी है कि सरकार की सूचना देने की मौजूदा व्यवस्था पूरी तरह से राजधानी केंद्रित है, जिसकी वजह से सरकार की योजनाओं के बारे में सही सूचना ग्रामीण क्षेत्रों या दूर दराज के इलाकों तक नहीं पहुंच पाती है.

नया ढांचा इस दिक्कत को दूर करेगा क्योंकि इसका फोकस अलग अलग क्षेत्रों में वहां की जरुरत के मुताबिक संवाद योजना बनाने और उसे लागू करने की होगी.

हर जिला के लिए सरकार की अपनी संवाद योजना होगी. जो वहां की स्थिति के मुताबिक होगी.

नया ढांचा जोर देगा मीडिया अभियान को

नया ढांचा सरकार के मीडिया अभियान को भी ज्यादा धार देगा. अब लक्षित जनता तक पहुंचने की नीति ज्यादा स्पष्ट होगी.

इसके लिए नई आन लाइन प्रणाली विकसित की गई है जो इस ढांचे का हिस्सा होगी.

सरकार की इस नई योजना के बारे में संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में भी चर्चा हुई थी. यह बैठक मंगलवार को ही हुई थी.

इसमें कई सदस्यों ने सरकार से कहा था सरकारी योजनाओं को ग्रामीण इलाकों में पहुंचाने के लिए कुछ नया करने की जरूरत है.