पकिस्तान की तरफ से हुई गोलाबारी में एक ही परिवार के पांच लोग मारे गये

भारतीय सेना की सख्ती से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने हिन्दू, नवषर्ष गुड़ी पड़वा पर जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के देवता सारगलून गांव में अकारण भारी गोलाबारी की. चार घंटे की गोलाबारी के दौरान एक गोला एक मकान पर गोला गिरा, जिसकी चपेट में आने से मोहम्मद रमजान, उसकी पत्नी और तीन बच्चों की मौत हो गई.

पकिस्तान की तरफ से हुई गोलाबारी में एक ही परिवार के पांच लोग मारे गये

गंभीर रूप से घायल दो बेटियों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर जम्मू लाया गया है. वहीं बालाकोट सेक्टर की अग्रिम चौकियों में पाकिस्तानी फायरिंग से पांच जवान घायल हो गए. भारतीय जवानों ने हिमाकत का जोरदार और प्रभावी जवाब दिया है.

एक ही परिवार के पांच मरे

सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि पाकिस्तान कायराना तरीके से निदरेषों को निशाना बना रहा है. सीमा पार से रविवार सुबह 7.45 बजे 80 और 120 एमएम के मोर्टारों से गोलाबारी शुरू हुई, जो 11.30 बजे थमी.

एक गोला नियंत्रण रेखा से करीब चार किलोमीटर दूर स्थित देवता सारगलून गांव में चौधरी मोहम्मद रमजान (35) के कच्चे घर पर आ गिरा.

इसमें पोर्टर का काम करने वाले रमजान, उनकी पत्नी मलिका बी (32), बेटे अब्दुल रहमान (14), मो. रिजवान (12) व रजाक रमजान (7) की मौत हो गई.

क्या बोलीं महबूबा मुफ़्ती

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने निर्दोषों की मौत पर संवेदना जताते हुए कहा, इन मौतों से शांति की जरूरत बढ़ी है. यदि हम राज्य के लोगों को बचाना चाहते हैं तो एकमात्र तरीका पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गई शांति की पहल को आगे बढ़ाना है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उसी दिशा में कदम बढ़ाए थे, लेकिन पठानकोट आतंकी हमले ने उसे पटरी से उतार दिया.

पिछले माह चार जवान हुए शहीद

पाकिस्तानी सेना ने चार फरवरी को राजौरी जिले के भिंबर गली सेक्टर में भारी गोलीबारी की थी. इसमें सेना के कैप्टन कपिल कुंडू, हवलदार रोशल लाल, राइफलमैन शुभम सिंह और राइफलमैन राम अवतार शहीद हो गए थे.

इस साल 160 बार तोड़ा संघर्ष विराम

पाकिस्तानी सेना ने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौते की धज्जियां उड़ा रखी हैं. 2017 में 860 से अधिक बार संघर्ष विराम तोड़ा तो इस साल ढाई माह में ही 160 से ज्यादा बार फायरिंग कर चुका है.