रामगढ़ जिले की अदालत ने पेश की मिसाल, गोरक्षा के नाम पर हत्या करने वाले 11 लोगों को उम्रकैद

झारखंड के रामगढ़ जिले में प्रतिबंधित मांस की तस्करी के आरोपित अलीमुद्दीन अंसारी की भीड़ द्वारा हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बुधवार को 11 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. तीन लोगों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा दी गई है. नाबालिग अभियुक्त छोटू राणा को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड भेजा गया है. गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा व्यक्ति को मार डालने के मामले में फैसला सुनाने का देश में यह पहला मामला है.

फास्ट ट्रैक कोर्ट, रामगढ़, झारखण्ड, भाजपा नेता, गोमांस, तस्करी

कोर्ट ने सिर्फ पांच माह 29 दिनों में इस मामले में सजा सुनाई. न्यायालय ने 16 मार्च को सभी आरोपितों को दोषी करार दिया था. मालूम हो कि पिछले वर्ष 29 जून को रामगढ़ थाना क्षेत्र के बाजारटांड़ के समीप मारुति वैन में प्रतिबंधित मांस ले जा रहे मनुवा गांव निवासी अलीमुद्दीन की भीड़ ने बुरी तरह पिटाई कर दी थी और इलाज के लिए रांची ले जाते समय रास्ते में उसने दम तोड़ दिया था.

कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

बुधवार को न्यायालय ने इस मामले में दोषी करार दिए जा चळ्के दीपक मिश्र, छोटू वर्मा, संतोष सिंह, नित्यानंद महतो, विक्की साव, सिकंदर राम, विक्रम प्रसाद, राजू कुमार, रोहित ठाकुर, कपिल ठाकुर व उत्तम राम को उम्र कैद की सजा सुनाई.

आठ दोषियों पर तीन-तीन और तीन पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने छोटू, दीपक, संतोष को मॉब लिंचिंग का साजिशकर्ता भी माना.

इसके तहत उन्हें धारा 120 (बी) के तहत भी अलग से उम्र कैद की सजा सळ्नाई. साथ ही दो हजार रुपये जुर्माना भी किया. इसकी राशि मृतक के परिजनों को मिलेगी.

इस मामले में अभियोजन की ओर से 59 दस्तावेजों को साक्ष्य के रूप में पेश किया गया. सीओ रामगढ़ अमृता कुमारी ने हत्या के वक्त वहां मौजूद लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो और अन्य साक्ष्यों की सीडी व पेन ड्राइव तैयार किए थे, जो जांच के लिए केंद्रीय फॉरेंसिक प्रयोगशाला, चंडीगढ़ भेजे गए थे.

वहां से मिली रिपोर्ट में सीडी व पेनड्राइव में कोई छेड़छाड़ नहीं पाई गई.

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कोर्ट पर है पूरी आस्था

उम्र कैद की सजा पाए गोरक्षा प्रमुख छोटू वर्मा ने कहा, हम लोगों ने अलीमुद्दीन को नहीं मारा बल्कि फोन कर पळ्लिस को बळ्लाया था.

भाजपा जिला मीडिया के प्रभारी नित्यानंद महतो ने कहा, उन्हें कोर्ट पर पूरी आस्था है. उम्मीद है हाई कोर्ट से न्याय मिलेगा.

कोर्ट से न्याय की उम्मीद थी : मरियम

अलीमुद्दीन की पत्नी मरियम ने कहा, उन्हें उम्मीद थी कि कोर्ट से न्याय मिलेगा. यह मेरे और परिवार के साथ-साथ भारतीय कानून की भी जीत है. यह सभी हिन्दू व मुस्लिम भाइयों की जीत है.