राज्यसभा चुनाव : …तो क्या सीएम योगी की सलाह मानेगी बसपा-सपा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यसभा चुनाव में अपने सभी नौ प्रत्याशियों की कामयाबी पर खुशी जाहिर की. उन्होंने बसपा प्रत्याशी पर अपने नौंवे प्रत्याशी की जीत पर सपा पर तंज किया. सीएम ने कहा कि एक बार फिर समाजवादी पार्टी का अवसरवादी चेहरा सामने आया है. सपा ले तो सकती है, लेकिन देना नहीं जानती है. उसका यह अवसरवादी चेहरा बरसों से दिखता चला आ रहा है. उन्होंने बसपा से संकेतों में कहा कि समझदार लोग खाई में गिरने से पहले अपने को संभाल लें तो अच्छा है.

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जीत पर विधायकों को बधाई

चुनाव नतीजे आने के बाद विधानसभा के सेंट्रल हाल में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दल अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायकों ने बहुत ही संभलकर अपने मत का प्रयोग किया है. वोटिंग पैटर्न सिखाने के लिए पार्टी के केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में रेल मंत्री पीयूष गोयल भी आ गए.

सहयोगियों  का आभार

उन्होंने कहा कि उनकी बधाई सहयोगी दलों के साथ उन विधायकों के लिए भी जिन्होंने अन्तरात्मा की आवाज पर प्रदेश हित में भाजपा का समर्थन किया. उन्होंने भाजपा प्रदेश संगठन के कुशल प्रबंधन की भी तारीफ की.

अगली चुनौती कर्नाटक में जीत : गोयल

केन्द्रीय पर्यवेक्षक और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन नौ सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों के जीतने से भाजपा की शक्ति राज्यसभा में बढ़ेगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार देश हित में नए कानूनों को राज्यसभा में पास कराने में सफल होगी.

गोयल ने कहा कि भाजपा को कुशल नेतृत्व देने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कांग्रेस मुक्त भारत का संकल्प अब साकार हो रहा है. राज्यसभा के चुनावों में भारी जीत के हौंसलों के साथ अब हम कर्नाटक भी जीत लेंगे. यूपी में अपना दल के आशीष पटेल व सुहेलदेव पार्टी के ओम प्रकाश राजभर ने गठबंधन धर्म का पालन कर चुनाव एकजुट होकर लड़ा.

स्वभाव कभी मेल नहीं खाते : पांडेय

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने सपा-बसपा गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि यह गठबंधन स्वार्थों का था. दोनों दलों के स्वभाव कभी मेल नहीं खाते हैं. राज्यसभा में हमारी रणनीति इस स्वार्थी गठबंधन पर भारी पड़ी.

पाण्डेय ने कहा कि इस शानदार जीत के हौंसले के साथ अब हम 2019 के लोकसभा चुनावों में भी अपनी विजय पताका फहराएंगे. हमें सहयोगी दल अपना दल और सुहेलदेव पार्टी पर भी गर्व है.

यूं जीते भाजपा के नौवें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल

’बसपा को धांधली करके हराया गया: सतीश चंद्र मिश्र’

’भाजपा के आठ प्रत्याशियों को मिले वोट : 39

जीत के लिए प्रथम वरीयता वोट की जरूरत : 36

आठ प्रत्याशियों की जीत के बाद बचे वोट: 39-36.19 =2.81

भाजपा के आठ प्रत्याशियों की जीत के बाद बचे कुल वोट: 2.81 गुणो 8 = 22.48

भाजपा के नौवें प्रत्याशी को प्रथम वरीयता में मिले वोट : 16

आठ प्रत्याशियों के बचे वोट नौवें प्रत्याशी में जुड़ गए: 16 – 22.48 = 38.48

इस तरह नौवें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल प्रथम वरीयता में जीतने में कामयाब रहे

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