फेसबुक डाटा लीक पर मचे बवाल के बीच उपभोक्ता मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर ज्यादा चिंता जताई जा रही है. माना जा रहा है कि फेसबुक के मुकाबले ई-कॉमर्स कंपनियों के पास किसी व्यक्ति की ज्यादा गोपनीय जानकारियां हैं, जो उपभोक्ता को निजी तौर पर भी नुकसान पहुंचा सकती हैं.
उपभोक्ता मंत्रालय सतर्क नज़र आ रहा है
उपभोक्ता मंत्रालय ई-कॉमर्स कंपनियों के पास मौजूद गोपनीय जानकारियों को लेकर सतर्क नजर आ रहा है. उसका मानना है कि फेसबुक पर मौजूद लोगों की जानकारियों को चुनावों को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया गया था, लेकिन ई-कॉमर्स पर मौजूद जानकारियां उपभोक्ताओं को निजी तौर पर आर्थिक नुकसान भी पहुंचा सकती हैं.
इसके लिए मंत्रालय जल्द सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ईटी) और वाणिज्य सहित संबधित मंत्रालय के साथ चर्चा करेगा, ताकि उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित किए जा सके. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर जरूरी हुआ तो इसके लिए कानून और नियमों में भी बदलाव किए जा सकते हैं.
ई-कॉमर्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. इस वृद्धि के साथ ई-कॉमर्स कंपनियों के पास उपभोक्ताओं के बारे में जानकारियां भी बढ़ रही हैं. किसी कंपनी का विज्ञापन के लिए डाटा का आंकलन करना भी उचित नहीं है, लेकिन कई बार डाटा दूसरी कंपनियों को बेच दिया जाता है या चोरी कर कंपनियां हासिल कर लेती हैं.
क्या है ई-कॉमर्स…
ई-कॉमर्स या इ-व्यवसाय इंटरनेट के माध्यम से व्यापार का संचालन है. इसमें न केवल खरीदना और बेचना, बल्कि ग्राहकों के लिए सेवाएं और व्यापार के भागीदारों के साथ सहयोग भी शामिल है.
बुनियादी ढांचे, उपभोक्ता और मूल्य वर्धित प्रकार के व्यापारों के लिए इंटरनेट कई अवसर प्रस्तुत करता है. ऑनलाइन शॉ¨पग नेटवर्क वाणिज्यिक गतिविधियों का सबसे तेजी से बढ़ता स्वरूप है.
इसके चलते दुनियाभर में अनेक ऑनलाइन व्यापारिक कंपनियों की स्थापना हुई और इनका विस्तार बढ़ता जा रहा है.
यूरोपीय यूनियन से सबक…
डाटा सुरक्षा के लिए यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने सबसे मजबूत कानूनी ढांचा तैयार किया है. ईयू ने निजता कानून जनरल डाटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) लागू किया है.
इस साल 25 मई से लागू हो रहे इस नियम के तहत निजी डाटा को परिभाषित किया गया है. इसमें नाम, जन्मदिन, फोटो, ईमेल एड्रेस, बैंक की जानकारी, सोशल वेबसाइटों की जानकारी, स्वास्थ्य संबंधित जानकारी और कंप्यूटर के आईपी एड्रेस सहित कई जानकारियों को निजी बताया गया है.
इसका उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर भारी जुर्माने का प्रावधान है.
क्या कहते हैं यूएनसीटीएडी के महासचिव
मुखिसा कितुई, महासचिव, यूएनसीटीएडी ने कहा, फेसबुक गोपनीयता की बहस ई-कॉमर्स कंपनियों के पास मौजूद डाटा के अनुपात में सिर्फ शुरुआत भर है. ई-पेमेंट की जानकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है.
क्या कहते हैं आईटी एक्सपर्ट
रामानुज पांडेय, आईटी एक्सपर्ट ने कहा, ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ताओं की जानकारियों का इस्तेमाल आकलन के लिए भी नहीं कर सकती हैं, पर किसी दूसरे के हाथ में आ गईं तो खतरनाक होगा. केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए.