भारत-तिब्बत के घनिष्ठ संबंधों पर ‘थैंक यू इंडिया’ कार्यक्रम का आगाज

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने ‘थैंक यू इंडिया’ कार्यक्रम में तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा को शरण देने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि दलाईलामा और तिब्बती लोग शरणार्थी नहीं, परिवार के सदस्य हैं. उन्होंने कहा, तिब्बती देश वापसी का इंतजार कर रहे हैं और आशा है वे कि जल्द अपने देश पहुंच जाएंगे. तिब्बत की निर्वासित सरकार ने दलाई लामा के भारत आगमन के साठ वर्ष पूरे होने के अवसर पर वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम थैंक यू इंडिया का आगाज किया.

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नेहरु ने निभाया था देश का धर्म

राम माधव ने कहा कि उस समय के प्रधानमंत्री नेहरू ने दलाईलामा को शरण देकर इस धरती (भारत) का धर्म निभाया था, हालांकि हम उस समय राजनीतिक स्तर पर एक चीन नीति का पालन कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि हमें दलाईलामा का धन्यवाद देना चाहिए कि वह इतने सारे बौद्ध विचारकों के साथ भारत आए.

महेश शर्मा ने बताया ‘घनिष्ठ संबंधी’

इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने भारत और तिब्बत के मध्य घनिष्ठ संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे रिश्ते वर्षो पुराने हैं और इन्हें किसी तराजू में नहीं तोला जा सकता.

उन्होंने कहा कि भारत और तिब्बत बड़े भाई व छोटे भाई सरीखे हैं. तिब्बतियों के लिए रिफ्यूजी शब्द का प्रयोग पीड़ादायक है, आप हमारे मेहमान हैं और हम आपका दिल से स्वागत करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय संस्कृति और शांति के संदेश को विश्वभर में लेकर जा रहे हैं, तिब्बती संस्कृति भी इसका एक हिस्सा है.

इस मौके पर कांगड़ा के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि साझी सांस्कृतिक विरासत भारत एवं तिब्बत को मजबूती से जोड़े हुए है. भारत और तिब्बत बेशक अलग-अलग भूखंड हों, लेकिन इनकी आत्मा एक है, दर्शन एक है.

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