दक्षिणी प्रशांत महासागर में गिरा चीन के अंतरिक्ष स्टेशन टियांगगोंग-1 का मलबा

चीन के अनियंत्रित अंतरिक्ष स्टेशन टियांगगोंग-1 ने सोमवार को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया. 10 मीटर लंबे और आठ टन वजनी इस अंतरिक्ष स्टेशन का ज्यादातर हिस्सा वायुमंडल में प्रवेश करते ही जल गया. इसका कुछ मलबा चीन के स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजकर 15 मिनट पर दक्षिणी प्रशांत महासागर में गिरा.

टियांगगोंग-1 पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई थीं. धरती पर इसके गिरने को लेकर तरह-तरह के अनुमान लगाए गए थे, जो गलत साबित हुए.

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चीनी अख़बारों के अनुसार…

चीनी के सरकारी अखबार का कहना है, ‘अंतरिक्ष यान का पृथ्वी पर वापस आना सामान्य घटना है, लेकिन पश्चिमी मीडिया हमारी अंतरिक्ष एजेंसी की सफलता से जलती है इसलिए उसने सामान्य-सी घटना के लिए बवंडर खड़ा कर दिया था.’

अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान के तहत चीन ने टियांगगोंग-1 को 29 सितंबर, 2011 को लांच किया था. इस अभियान के जरिये चीन 2023 तक पृथ्वी की कक्षा में एक स्थायी स्पेस स्टेशन स्थापित करना चाहता है.

टियांगगोंग-1 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने के बाद चीन ने समय-समय पर शेनझू-8, शेनझू-9 और शेनझू-10 अंतरिक्षयानों के जरिये इस पर कई महत्वपूर्ण अभियान और प्रयोगों को अंजाम दिया. 2016 में इसका कार्यकाल समाप्त होने के बाद चीन ने टियांगगोंग-2 को सितंबर, 2016 में लांच किया था.

नासा ने मंगल मिशन के लिए पैराशूट का किया परीक्षण

नासा ने ध्वनि की गति से चलने वाले सुपरसोनिक पैराशूट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इसी तरह के पैराशूट को मंगल मिशन 2020 के दौरान इस्तेमाल किया जाना है.

द एडवांस सुपरसोनिक पैराशूट इंफ्लेशन रिसर्च एक्सपेरीमेंट (एस्पायर) नामक इस पैराशूट को गत 31 मार्च को नासा के वैलप्स केंद्र से एक रॉकेट से लांच किया गया. इसका मकसद लाल ग्रह सरीखी परिस्थितियों में पैराशूट का परीक्षण करना है जिससे कि अभियान के दौरान पैराशूट के मंगल पर प्रवेश और लैंड करने में आसानी हो.

लांच के बाद यह पैराशूट अटलांटिक महासागर में जा गिरा जहां से इसे नौका की मदद से निकाल लिया जाएगा. पिछले कुछ समय से अटलांटिक महासागर में मौसम खराब होने के कारण एस्पायर की लांचिंग में देरी हो रही थी.

अब वैज्ञानिक महासागर से निकाले गए पैराशूट और कैमरे व अन्य उपकरणों में एकत्रित डाटा का अध्ययन करेंगे. इसके बाद नासा के 2020 अभियान में मंगल पर भेजे जाने वाले रोवर के लिए पैराशूट तैयार किया जाएगा. छह पहियों वाले इस रोवर को नासा के क्यूरियोसिटी रोवर के आधार पर तैयार किया जाना है.