आधार स्कीम को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अगर सरकार के हर काम की न्यायिक समीक्षा होगी तो विकास की गति मंद पड़ जाएगी. अदालतों को तकनीकी विशेषज्ञता के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए. सरकार ने बुधवार को आधार की वैधता पर विचार कर रही मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र के नेतृत्व वाली पांच जजों की संविधान पीठ से कहा है कि आधार स्कीम को विशेषज्ञों ने मंजूरी दी है. यह नीतिगत फैसला है इसलिए इसकी न्यायिक समीक्षा नहीं होनी चाहिए. 2016 का यह कानून डिजिटल युग में मनी लांडिंग रोकने, सब्सिडी और लाभ देने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है.
न्यायिक व्याख्या करें समीक्षा नहीं
केंद्र की ओर से पेश अटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने संविधान पीठ में शामिल जस्टिस एके सिकरी, एएम खानविल्कर, डीवाई चंद्रचूड़ और अशोक भूषण से कहा, कोर्ट का दायित्व बस इतना ही है कि वह कानून की न्यायिक व्याख्या करे. वह यह नहीं तय कर सकती कि कौन सी एक योजना उचित है या अनुचित है.
वेणुगोपाल ने दिन भर की बहस के बाद विश्व बैंक समेत विभिन्न रिपोर्टो का हवाला देते हुए कहा, इन सबने भारत के इस कदम की सराहना की है कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी उसकी पहचान मिलेगी. इससे सभी का वित्तीय योजनाओं में समावेश करने में मदद मिलेगी.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने वेणुगोपाल से…?
इस पर पीठ ने वेणुगोपाल से कहा कि लोग यह कह कर इस योजना का विरोध कर रहे हैं कि इससे समानता के विचार का उल्लंघन होता है. जवाब में वेणुगोपाल ने कहा, आधार योजना समानुपाती परीक्षा में भी संतोषजनक है. चूंकि यह योजना के मायने और लक्ष्य के बीच तार्किक रूप से तालमेल रखती है.
आधार के जरिये सभी सब्सिडी जीने के अधिकार के तहत सम्मान के साथ मिलती है. इससे निजता के अधिकार में भी कोई दखल नहीं होगा. 16 अंकों के डिजिटल आधार आइडी के मुद्दे पर वेणुगोपाल ने कहा कि इसमें सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा मानक अपनाए गए हैं.
पीठ ने कहा, जैविक गुणों की पहचान को और बढ़ाया जाना चाहिए. भविष्य में आधार योजना के तहत अन्य बायोमीटिक फीचर डाले जाने चाहिए. इस पर वेणुगोपाल ने कहा, रक्त, मूत्र, डीएनए को भी आधार से जोड़ा जा सकता है, लेकिन इस विषय में अदालत को विचार करना होगा. जैसे कि अभी वह फिंगरप्रिंट व आंखों की पुतली का स्कैन करती है, जिसे निजता का उल्लंघन मानकर उसकी समीक्षा कर रही है.
उन्होंने कहा, आधार से कल्याणकारी योजनाओं में लाभार्थियों का हिस्सा लीक होने से रोकने में मदद मिलती है. इसे बैंक खातों से जोड़कर कालेधन और मनी लांडिंग जैसी समस्याओं से भी निपटने में खासी सफलता मिली है. आधार के मुद्दे पर गुरुवार को भी बहस जारी रहेगी.