एनटी न्यूज़ डेस्क / बॉर्डर उस पार
किसी देश का राष्ट्रपति खो जाए तो उस देश की दशा क्या होगी? ऐसी ही पटकथा पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने मशहूर उपन्यासकार जेम्स पेटरसन के साथ मिलकर अपना पहला उपन्यास लिखा है. यह उपन्यास एक रोचक कहानी की पृष्ठभूमि लिखा है. जिसमें अंतरराष्ट्रीय संकट के दौरान एक राष्ट्रपति तीन दिन के लिए लापता हो जाता है. इस वजह से अमेरिकी इतिहास में ये बेहद नाटकीय तीन दिन बन जाते हैं. इस उपन्यास का नाम है ‘द प्रेजिडेंट इज मिसिंग’. जो वैश्विक स्तर पर चार जून से उपलब्ध होगा.
इस उपन्यास के बारे में बिल क्लिंटन ने कहा, ‘द प्रेजिडेंट इज मिसिंग एक गल्प, और रोचक उपन्यास है. जेम्स पेटरसन और मैं राष्ट्रपति के इतिहास के तीन सबसे भयावह दिनों को सामने लेकर आएं हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि पाठक राष्ट्रपति जोनाथन डंकन और उनकी कहानी को नहीं भूलेंगे.’ क्लिंटन 1992 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए. वह दो बार राष्ट्रपति बने .
प्रकाशक पेंग्विन रेंडम हाउस के मुताबिक, उपन्यास में उन स्थितियों का जिक्र है जिसके कारण पेंसिलवेनिया एवेन्यू और वाल स्ट्रीट ही नहीं बल्कि समूचे अमेरिका में हड़कंप मच जाता है.
प्रकाशक ने कहा, ‘समूचे देश में अनिश्चितता और डर का माहौल व्याप्त हो जाता है. साइबर आतंक और जासूसी तथा कैबिनेट में किसी गद्दार के होने की अफवाह उड़ने लगती है.
राष्ट्रपति खुद संदिग्ध हो जाते हैं और फिर लापता हो जाते हैं.’ इस तीन दिन के जरिए ‘द प्रेजिडेंट इज मिसिंग’ अमेरिका के भीतर होने वाले कामकाज शैली और खतरों की ओर इशारा करता है.
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