एनटी न्यूज़ / सोशल मीडिया डेस्क / श्रवण शर्मा
हाल में गाड़ियों और बाइकों के हेडर में हनुमान जी की एक तस्वीर लगी आप सबको नजर आई होगी या आपने भी इस तस्वीर को अपने फोन, गाड़ी या लैपटॉप की डिस्प्ले मे सजाई होगी। लेकिन इसी तस्वीर को लेकर विवाद हो गया है चलिये पढ़ते है पूरी रिपोर्ट…
क्या है विवाद…
सवालों के घेरे में जो तस्वीर है वो भगवा और काले रंग से बनी हनुमान की तस्वीर है जिसमें उनकी भौंहे तनी हुई है और त्यौरियां चढ़ी हुई है। वानर रूप में वास्तविक छवि अनुमान की बेहद प्रेम भक्ति और दया का भाव प्रकट करती है। जैसा की हमारी कई पीढियां तस्वीरों में देखती आ रही हैं। लेकिन मौजूदा तस्वीर में उनकी एक अलग ही गुस्सैल ताकतवर छवि पेश की गई है जो हिंदुत्ववादी संगठनो के लिए आगामी चुनाव में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए काफी है।
कलाकार करण आचार्य…
यह तस्वीर बेंगलूरू के रहने वाले करण आचार्य के द्वारा बनाई गयी है। उनका कहना है कि जब उनके दोस्तों ने बीते साल 2016 में गणेश चतुर्थी के मौके पर ध्वज पर लगाने के लिए एक तस्वीर बनाने को कहा तब अपने दोस्तों के कहने पर करण ने यह तस्वीर बनाई। तस्वीर पर विवाद बढ़ने पर करण आचार्य ने कहा कि उनके द्वारा बनाई गयी हनुमान जी की तस्वीर में वो हनुमान की जिस छवि को उन्होंने बनाया वो शक्तिशाली हैं न कि दमनकारी।
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भाजपा के एजेंडे पर सटीक बैठती यह तस्वीर
आपको बता दें कि यह तस्वीर पिछले तीन सालों से वायरल हो रही है। कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने एक रैली में इस तस्वीर को ‘भव्य कलाकृति’ कहकर इसकी तारीफ की व हिन्दू मतदाताओं को आकर्षित करते हुए करण आचार्य की कलाकृति की तारीफ़ भी की थी। तस्वीर पर प्रधानमंत्री का चुनाव के दौरान जिक्र करना, साथ ही हिन्दू संगठनों का इस तस्वीर को बड़ी संख्या में शेयर करना इन तमाम क्रियाकलापों को देखते हुए इसमें कोई संदेह नजर नही कि आगामी चुनाव में भाजपा इस तस्वीर का लाभ ले सकती है।
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