प्रवेश परीक्षा अर्थहीन, प्रशासन की मर्जी से हिंदी विवि वर्धा में होते हैं प्रवेश

एनटी न्यूज़ डेस्क / वर्धा

हिंदी विवि में 2018-19 सत्र की परीक्षा का आयोजन 9 व 10 जून को किया गया. प्रवेश परीक्षा का परिणाम 22 जून को घोषित हुए. लेकिन विवि प्रशासन की लापरवाही के चलते परिणाम सूची से सैकड़ों परीक्षार्थियों के नाम नदारद हैं, जिससे नाराज विद्यार्थियों ने सोमवार को प्रशासन भवन के सामने रोष जताया.

विवि प्रशासन अपनी मन-माफिक दे रहा प्रवेश

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विद्यार्थियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि विवि प्रशासन अपने मन-माफिक तरीके से एमफिल और पीएचडी में अभ्यर्थियों को प्रवेश दे रहा है. बताया जा रहा है कि कई विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने एमफिल में द्वितीय स्थान तो प्राप्त किया लेकिन उनका नाम सूची में नहीं आया है. कुछ ही विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा में पास कर साक्षात्कार के लिए बुलाकर प्रवेश दिया जाता है.

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परिणाम सूची में विद्यार्थियों के अंक प्रदर्शित नहीं

जारी परिणाम सूची में किसी भी विद्यार्थी के अंक उजागर नहीं किये गए हैं. परिणाम सूची में हुई इसी धांधली के चलते गुस्साए विद्यार्थियों ने लगभग 50 से अधिक आरटीआई डाली है. विद्यार्थियों का कहना है कि 10 दिन से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.

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एम.ए. में दाखिले के लिए किया जाता है प्रेरित

यह भी बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के शोधार्थी छात्र गांव-गांव जाकर एम.ए. में दाखिला के लिए प्रेरित करते हैं.

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