विवि में हो रही धांधली से क्षुब्ध अनशन कर रहे छात्रों ने आत्मदाह करने की दी चेतावनी

 एनटी न्यूज़ / वर्धा

हिंदी विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा 2018 को लेकर छात्र विवि प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि साक्षात्कार के अंकों को कम करके योग्य अभ्यर्थियों को छांट दिया जाता है और अपने अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में कम अंक आने के बावजूद साक्षात्कार में ज्यादा अंक देकर उन्हें पास और अन्य को फेल कर दिया  है. छात्रों ने यह भी आरोप लगाए कि विवि प्रशासन को साक्ष्य उपलब्ध कराने के बावजूद वह अपने लोगों को बचाने पर लगा हुआ है.

विवि प्रशासन बना हुआ है मूक-बधिर

इस संबंध में जिन अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हो रहा है वे कुलपति व विवि प्रशासन को हर तरह से संपर्क कर चुके हैं और अब अनशन पर बैठे हैं इसके बावजूद विवि प्रशासन अभ्यर्थियों को न तो आश्वासन दे रहा है और न ही परीक्षा को निरस्त करने की कोई सूचना दे रहा है. इसके उलट धांधली वाले साक्षात्कार का परिणाम घोषित करने की तैयारी में है. इस तरह में मेधावी व आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है.

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साक्षात्कार में ऐसे हुई बड़ी धांधली

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विवि के कोलकाता सेंटर पर 23 जून के साक्षात्कार में बड़ी धांधली सामने आयी है क्योंकि जिन अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु नामित किया गया था उनसे इतर बिना किसी आधिकारिक सूचना के अन्य अभ्यर्थियों को जल्दबाजी में वर्धा से कोलकाता सेंटर स्थानांतरित कर दिया गया. साक्षात्कार का समय दोपहर 2:30 बजे से सायं 6 बजे तय था लेकिन समय से पहले साक्षात्कार को शुरू करते हुए दोपहर 12:30 के पहले ही समाप्त कर दिया गया.

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जनसंचार विभाग में यूं चलती है मनमानी

हिंदी विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा गाहे-बगाहे चर्चा में हर बार आती है कारण है जनसंचार विभाग. इस विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफ़ेसर जिसे चाहते हैं उसे प्रवेश देते हैं और अन्य लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है यह आरोप छात्रों ने लगाया साथ ही विवि प्रशासन द्वारा अपने लोगों को बचाने की कोशिश का भी आरोप लगाया.

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लगी आरटीआई का जवाब देने से कतरा रहा है विवि

वर्धा विवि के कोलकाता केंद्र पर हुए साक्षात्कार में छात्र पैसों के लेनदेन और साक्षात्कार के अंकों को विवि के मानक से भी कम देने की बात बता रहे हैं  लेकिन विवि प्रशासन जाँच करने के बजाय उन्हें संरक्षण दे रहा है. छात्रों ने बताया कि जनसंचार विभाग के टॉपर विद्यार्थी तक प्रवेश-परीक्षा में फेल हो गए.  यह भी प्रवेश परीक्षा पर एक प्रश्न खड़ा होता है और अपने अंकों की पुष्टि के लिए जनसंचार विभाग के 50 छात्रों के विवि में RTI लगाई है जिसका जवाब भी विवि प्रशासन नहीं दे रहा है.

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क्षुब्ध छात्रों ने दी आत्मदाह की चेतावनी

साक्षात्कार की सूची को विवि प्रशासन बिना किसी संशोधन के कभी भी बदल देता है को प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है. पीड़ित विद्यार्थियों ने विवि प्रशासन भवन के सामने शांतिपूर्ण अनशन कर रहे हैं. इन सबसे आहत अभ्यर्थियों ने अनशन करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन भवन के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी है.

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