एनटी न्यूज़ / धर्म-कर्म / बाविता मिश्रा पांडेय
भगवान शिव को सावन का महीना बहुत प्रिय होता है। इस मास मे पूजन अर्चन से भगवान भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं । वैसे भगवान शिव को खुश करना बहुत आसान होता है। वो बहुत जल्दी ही खुश होकर भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं । बस भगवान शिव को प्रेम पूर्वक याद करें।
भाग्य भी बदल देते हैं शिव
वैसे तो कहा जाता है की , जो ब्रह्मा जी ने लिख दिया वो कोई टाल नही सकता है । लेकिन भगवान शिव की आराधना मे वह क्षमता है की वह होनी को भी टाल सकते हैं या ये कहें की भाग्य को भी बदल सकते हैं । श्रीराम चरित्र मानस मे गोस्वामी जी ने लिखा है ‘ भागी मेट सकें तिरपुरारी’ । अर्थात भगवान शिव भाग्य मे जो लिखा है वह बदल सकते हैं ।
अधिक चावल न चढ़ाएँ भगवान शिव को
अधिकतर लोग अक्षत के नाम पर ढेर सारा चावल चढ़ा देते हैं। जो की गलत है। भगवान शिव की आराधना मे कहा गया है की ‘चाउर चार औ बेल कय पात’ अर्थात चावल का चार दाना और बेल का पत्र । इतने से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं ।
रुद्राभिषेक
रुद्र + अभिषेक अर्थात भगवान शिव का अभिषेक । भगवान शिव को रुद्र भी कहा जाता है। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है। भोलेनाथ सबसे सरल उपासना से भी प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन कहा जाता है, रुद्राभिषेक भहवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय है। रुद्राभिषेक से शिव जी को प्रसन्न करके व्यक्ति असंभव कार्य को भी संभव करने की शक्ति पा सकता है लेकिन इसे करने का भी एक निर्धारित समय होता है और इस सही निर्धारित समय पर करने अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता है ।
रुद्राभिषेक का सही समय
भगवान शिव ऐसे देव हैं जब मन मे आए तब पुकार लो । वह अपने भक्तों के लिए हमेशा हाजिर रहते हैं । रुद्राभिषेक सावन भर किया जाता है और महीनो मे भी इसको करने का विधान है । लेकिन अगर पुष्य नक्षत्र मे रुद्राभिषेक किया जाए तो सभी मनोकामना बहुत जल्द ही पूरी हो जाती हैं ।
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