एनटी न्यूज / लखनऊ डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभी तक किसी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले थे. बता दें कि वाराणसी सीट पर भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा उम्मीदवार बनाया गया. इसके बाद से किसी भी पार्टी ने अपना कैंडिडेट नहीं उतारा था. सपा-बसपा गठबंधन से सपा ने शालिनी यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया.
2017 में कांग्रेस किया था ज्वाइन
शालिनी यादव, कांग्रेस नेता व राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्र वधू हैं. शालिनी ने साल 2017 में कांग्रेस ज्वाइन किया था.
इससे पहले महापौर के मैदान में…
यहां सपा की तरफ से प्रत्याशी घोषित होने से पहले शालिनी ने निकाय चुनाव में हाथ आजमाए थे. महापौर प्रत्याशी के तौर पर उन्हें एक लाख 13 हजार 345 वोट मिले थे और इसके साथ वह दूसरे स्थान पर रही थीं.
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20 को कांग्रेस से हटाया गया
कांग्रेस के वाराणसी जिलाध्यक्ष प्रजानाथ ने बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने और किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा न लेने के चलते शालिनी की 20 अप्रैल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया गया था.
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सपा में शामिल होते ही टिकट
इसके बाद शालिनी ने लखनऊ जाकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से पार्टी में शामिल होने को बात की. अखिलेश की मौजूदगी में शालिनी को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दी गयी. इसके बाद ही सोमवार को पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल के नाम पर लगाए जा रहे कयासों को विराम लग गया और वाराणसी के लिए शालिनी यादव का नाम आ गया.