राजस्थान की राजनीति में में बड़ी उथल-पुथल हुई है। कांग्रेस पार्टी ने बड़ी कार्यवाई करते हुए सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और अध्यक्ष को पद से बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही तीनों मंत्रियों पर भी कार्रवाई हुई है। विश्वेन्द्र सिंह और रमेशचंद मीणा को मंत्री पद से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है। गोविंद सिंह दोतासरा को राजस्थान कांग्रेस को नया अध्यक्ष बनाया गया है।
इससे पहले सचिन पायलट के खुलकर बागी तेवर अपना लेने के बाद कांग्रेस ने सोमवार सुबह जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें भी पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे। इस बैठक में शामिल विधायकों ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था प्रकट की और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन जताया।
#WATCH Rajasthan: Inside visuals of MLAs attending the ongoing Congress Legislative Party (CLP) meeting at Fairmont Hotel in Jaipur.
As per sources, 102 MLAs are present & have unanimously demanded that Sachin Pilot should be removed from the party. pic.twitter.com/FZxIUYVgq7
— ANI (@ANI) July 14, 2020
जयपुर में आयोजित विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट का राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है। इसको लेकर विधायकों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 102 विधायक मौजूद हैं। उन्होंने एक स्वर में सचिन पायलट को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की मांग।
बीजेपी के तेवर ठंडे
इन सब में बीजेपी के तेवर अब ठंडे नजर आ रहे हैं। राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मंगलवार को कहा कि पार्टी फिलहाल विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं कर रही है। फ्लोर टेस्ट के बारे में पूछे जाने पर पूनिया ने कहा, “वर्तमान में हम अभी कुछ भी नहीं मांग रहे हैं। हमारी प्राथमिकता यह थी कि यह एक भ्रष्ट सरकार है और इसने कोरोना वायरस संकट में कुप्रबंधन किया है। यह एक कमजोर सरकार बन गई है। पहली बात यह है कि इस सरकार को राज्य के लोगों के हित के बारे में सोचना चाहिए”
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