कोरोना वायरस पर काबू पाने में विफल होने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा गोवा सरकार को

न्यूज़ टैंक्स | देश

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि राज्य ने शुक्रवार को एक बार फिर से तीनों के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है।

विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा तो उनकी नियमित आलोचना की ही जा रही है इसके साथ ही साथ मुख्यमंत्री को अब गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की भी नाराजगी झेलनी पड़ रही है। मलिक ने सरकार को कोरोना के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में कमी लाने का आरोप लगाया है। मलिक के अनुसार सरकार कोरोना के प्रति अपनी जिम्मेदारियां ठीक से नहीं निभा रही है इसिलिए दोबारा लॉकडाउन लगाने की जरूरत पड़ी है। मलिक के साथ ही साथ उनके खुद की पार्टी के सदस्य भी सवाल उठाने लगे हैं।

मलिक ने गुरुवार देर रात कहा था कि ‘सरकार में मंत्रियों के बीच तालमेल की कमी थी और यही वजह है कि कोरोना से लड़ने के प्रति जो सरकार की जिम्मेदारी थी उससे सावंत सरकार पिछड़ गई और राज्य में दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा। मैंने अब उन्हें एक साथ आने और काम करने और एक दूसरे की आलोचना नहीं करने के लिए कहा है … मंत्रियों और अधिकारियों के बीच तालमेल बनाने की जरूरत है। मलिक ने कहा कि ऐसा नहीं है (जितना होना चाहिए), संकट के समय विशेष रूप से अधिक होने की जरूरत है।’

मलिक ने कहा कि ‘भले ही मैं मुद्दों को उठा रहा हूं, लेकिन मेरे पास कोई निहित स्वार्थ नहीं है। मुझे चुनाव नहीं लड़ना है। जब मैं मुद्दों को उठाता हूं, तो इसे यह कहते हुए प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं कि राज्यपाल ने प्रश्न पूछे हैं। राज्यपाल जरूर पूछ सकते हैं। क्योंकि राज्यपाल के ऊपर बैठने वाला मुझसे पूछेगा। और अगर मैं गलत जानकारी देता हूं, तो आप (मुख्यमंत्री) इसे पसंद नहीं करेंगे। इसलिए, मैं पूछता हूं कि मुझे सही जानकारी हो और जहां मैं सुधार कर सकता हूं, मैं करूंगा और जो रिपोर्टिंग मैं शीर्ष पर करता हूं, वह सही होगी।’

“अगर मैं पीएम, गृह मंत्री को गुमराह करता हूं – इन दिनों मुझे राष्ट्रपति को सूचित करने की भी आवश्यकता है तो यह गलत होगा। तो  इसमें परेशानी क्या है? यह मेरा कर्तव्य है, इसमें किसी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। गवर्नर ने कहा कि प्रेस को यह भी मुद्दा नहीं बनाना चाहिए कि मैंने उन्हें स्कूली शिक्षा देने के लिए यह बैठक बुलाई है।’

यह टिप्पणी, जो एक बैठक के तुरंत बाद आई थी, उन्होंने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और कुछ अधिकारियों को बुलाया था, सावंत पर दबाव डाला, जो जोर देकर कह रहे थे कि राज्य में कोरोना से लड़ने के लिए जो काम किया जा रहा है वह पर्याप्त से अधिक है। सावंत, जो लंबे समय से इस बात पर जोर दे रहे थे कि एक और लॉकडाउन राज्य के लिए अच्छा नहीं होगा, लेकिन एक बार फिर स्थिति ऐसी बनी और उन्होंने गोवा में तीन दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की।

अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि ‘यह कदम राज्यपाल को तसल्ली देने के लिए था, जिन्होंने राज्य में कोरोना वायरस महामारी के कारण तेजी से बढ़ते कोविड -19 मामलों और मौतों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी।’

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