न्यूज़ टैंक्स / मध्यप्रदेश
संजीव त्रिपाठी
बालाघाट। हमें यह प्रयास करना चाहिए कि हम अपनी मिट्टी से जुड़े रहें, जो संघर्ष हमने किया है आने वाली पीढ़ियों को उसे न झेलना पड़े हमे इसका प्रयास जरूर करना चाहिए। यह कहना है लखनऊ मंडल के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम का। 1995 बैच के आईएएस मुकेश मेश्राम मध्यप्रदेश के बालाघाट जनपद के बोरी गांव के निवासी हैं। न्यूज़ टैंक्स से बात करते हुए मुकेश मेश्राम ने बताया कि हमारी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई, उस समय आज की तरह संसाधन मौजूद नही थे। मुकेश मेश्राम के बड़े भाई रमेश मेश्राम ने बताया कि मुकेश मेश्राम बचपन से ही मेधावी रहे। उनके अंदर एक ललक रही कि हम अपने गांव के लोगों को स्वालम्बी बनाएं अधिक से अधिक लोग आत्मनिर्भर बनकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी दे सकें। रमेश बताते हैं बालाघाट जनपद में लगभग 53 फीसदी आबादी आदिवासियों की हैं, जो आज भी कहीं न कहीं समाज की मुख्यधारा से थोड़ा दूर हैं। रमेश मेश्राम रेलवे में प्राचार्य के पद से सेवानिवृत्त हैं।
लगातर 10 वर्षों से आदिवासी बाहुल्य गावों में कर रहा काम
रमेश मेश्राम ने प्रबुद्ध तथागत फाउंडेशन नाम से एक स्वयंसेवी संस्था बनाई।जिसके अंतर्गत निशुल्क शिक्षा, भोजन, दवाई, महिलाएं को कढ़ाई और बुनाई के लिये संसाधन उपलब्ध करवाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास चल रहा है। बकौल रमेश मेश्राम लगभग 10 वर्ष से अधिक संस्था आसपास के गांव और खासकर आदिवासी इलाकों में सेवा कार्य कर रही है। रमेश बताते हैं जब वैश्विक महामारी से समूचा विश्व जूझ रहा था तो संस्था ने राशन किट (जिसमें, चावल, आटा, बिस्किट, नमकीन, दाल, नमन और साबुन) जरूरत के समान लोगों को कैम्प लगाकर वितरित किया गया। हजारों परिवार को इसका लाभ मिला। संस्था से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार रफी अंसारी बताते हैं, संस्था के द्वारा वनांचल क्षेत्र के गांव में गर्म कपड़े, कंबल, साडिय़ां और बच्चों के कपड़े वितरित कर चुका है। जिससे बहुतों को लाभ मिल रहा है।
गांव में इंग्लिश मीडियम स्कूल
रमेश मेश्राम बताते हैं कि मुकेश मेश्राम को गांव और आसपास के लोग अपना प्रेरणाश्रोत मानते हैं। गांव में कोई अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय नहीं था। संस्था के द्वारा लोगों के सहयोग से लक्ष्मीबाई अकादमी इंग्लिश मीडिया स्कूल की स्थापना की गई जहां छात्र निशुल्क शिक्षा ले रहे हैं। स्कूल में अच्छी शिक्षा मिलने के कारण अधिकतर बच्चे जवाहर नवोदय विद्यालय व अन्य तकनीकी संस्थानों कि परीक्षा सुगमता से पास कर लें जाते हैं।
दहेज में दी जाती है सिलाई मशीन
संस्था के सचिव महेंद्र मेश्राम बताते हैं कि गांव की बेटियां अपने ससुराल में आत्मनिर्भर बनकर जीवन यापन कर सकें इसके लिए संस्था के द्वारा सिलाई-कढ़ाई का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। अब लोग अपने बेटियों को उपहार स्वरूप सिलाई मशीन जरूर देते हैं, जिससे वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।
निःशुल्क दवा कैम्प
संस्था में जनसंपर्क का काम देख रहे रफी अंसारी बताते हैं कि स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। ऐसे में संस्था के माध्यम से निःशुल्क जांच और दवा वितरण का कैम्प लगाया जाता है। संस्था से जुड़े डॉक्टर रमेश सेवालनी जो कि पेशे से चिकित्सक हैं उनके देख-रेख में जरूरतमंदों को दवाई दी जाती है।
दिन हो या रात हर समय मौजूद रहती है एम्बुलेंस
लोगों को समय से सही स्वास्थ सुविधा हासिल हो सके इसके लिए संस्था की एम्बुलेंस भी है, जिसके द्वारा गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को जरूरत पड़ने पर अस्पताल पहुंचाया जा सके. संस्था के अध्यक्ष रमेश बताते हैं की कभी-कभी देर रात गर्भवती माताओं को अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ जाती है ऐसे में लोग संस्था से निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा ले सकते हैं.