देहरादून/ मुम्बई/ लखनऊ
रिपोर्ट – रोहित रमवापुरी
नैनीताल: मर्चेंट नेवी (Merchant navy) में नाविकों के मरने के का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। अभी लखनऊ (यूपी) और जमशेदपुर (झारखंड) के युवकों के मौत की गुत्थी सुलझी नहीं थी कि बीते 14 अगस्त को उत्तराखंड के नैनीताल (Nainital) जनपद के भीमताल निवासी हिमांशु पलड़िया (21) की रहस्यमय तरीके से मौत ही गई। हिमांशु के पिता भुवन चन्द्र ने बताया कि, हिमांशु 2019 में मर्चेट नेवी में नियुक्त हुआ था। उसकी तैनाती मलेशिया (Malaysia) में थी। वह मुंबई (Mumbai) के एक एजेंट के माध्यम से गया था। भुवन चंद्र ने न्यूज़ टैंक्स से बात करते हुए बताया कि, बीते शुक्रवार 14 अगस्त को उन्हें मलेशिया की ब्रोड विन विंचर कंपनी (जहां हिमांशु कार्यरत था) से फोन आया कि आपके बेटे की तबियत खराब है और उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भुवन चंद्र के मुताबिक थोड़ी देर बाद कंपनी से बेटे की मौत की खबर आई। भुवन चन्द्र की माने तो हिमांशु को कोई बीमारी नही थी और वह पूरी तरह स्वस्थ था कंपनी के लोगों ने बताया कि किडनी फेल हो जाने के कारण उसकी मौत हुई !
यह भी- न्यूज़ टैंक्स की खबर का बड़ा असर, डीजी शिपिंग ने रद्द किये 10 कंपनियों के लाइसेंस
सांसद और विधायक ने विदेश मंत्रालय को लिखा पत्र
भुवन चन्द्र की माने तो अभी शव कब तक देश में आएगा इसका कोई आता पता नही है। नैनीताल के सांसद अजय भट्ट और विधायक राम सिंह ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर शव जल्दी लाने की मांग की है।
बेटे का अंतिम संस्कार तो कर लूं
पिता भुवन चन्द्र ने न्यूज़ टैंक्स से बात करते हुए कहा कि, दो साल होने को है बेटे को देखा नही। घर की गरीबी को देखकर बेटा कमाने चला गया काश यह पता होता कि बेटा अब नहीं आएगा तो उसको कभी नहीं भेजते।
कंपनी हो चुकी है सस्पेंड
पुछले दिनों जिन लड़कों की मौत हुई उसमे से कुछ कंपनियां सस्पेंड हो चुकी थीं जिसके बाद भी वह अवैध तरीके से काम करती थीं। जानकारी के मुताबिक हिमांशु मई 2019 SEATASK SHIP MANAGEMENT PVT. LTD. (नवीं मुम्बई) के द्वारा गया था। महानिदेशालय की वेबसाइट पीआरएसएल पर यह कंपनी जुलाई 2019 में सस्पेंड हो चुकी थी।
अब सवाल यह भी उठता है की परिवार तक बॉडी कैसे आएगी और जो मुआवजा राशि है वह कैसे मिलेगी।
मौत का पोर्ट बनता जा रहा है मलेशिया
मलेशिया एक तरह से मर्चेंट नेवी में काम करने वालों के लिए मौत का सागर साबित हो रहा है। हाल ही के महीने में लगभग एक दर्जन नाविकों की मौत रहस्मय तरीकों से हुई है जिसकी गुत्थी सुलझना बाकी है।
अभी मामले की जानकारी नहीं है
डीजी शिपिंग अमिताभ कुमार ने न्यूज़ टैंक्स से बात करते हुए बताया कि मामले की अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। पूरी जानकारी हम करते हैं। हम प्रयास करेंगे कि जल्द ही शव परिजनों को सौप दिए जाएं।
किडनी फेल होने से प्रायः तत्काल मौत नहीं होती है
जॉइनिंग के पहले पूरा मेडिकल चेकप होता है ऐसे में कैसे किडनी फेल हो गई इस पर हमने जब जाने-माने नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ संत पांडेय से बात की, उनकी माने तो किडनी फेल होने के तीन कारण होते हैं शुरुवाती के दो कारण ऐसे है जिसमे यह संभावना रहती है कि किडनी सुधर जाए और पहले की तरह काम करने लगे। सूजन होना, पेशाब लाल रंग का होना, कम होना इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं। जब क्रेटीन लागतार बढ़ता जाता है तो ऐसे में डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। जिसके द्वारा मरीज कई साल तक जीवित रहता है। ऐसे बहुत कम होता है कि किडनी फेल हो जाये और तुरन्त मौत हो जाए।