न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ
कोरोना के इलाज का दावा करना एक आयुर्वेदिक डॉक्टर को महंगा पड गया, डॉक्टर ने खुद याचिका दायर की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस आयुर्वेदिक डॉक्टर पर 10 हजार रुपए का जुर्माना किया है जिसने कोविड-19 के इलाज का दावा किया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता ने पब्लिसिटी के लिए यह याचिका दायर की थी। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने हरियाणा के आयुर्वेदिक डॉक्टर ओम प्रकाश वैद्य ज्ञानतारा की याचिका को खारिज करते हुए उस पर जुर्माना लगाया है। वास्तव में आयुर्वेदिक डॉक्टर ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से गुहार की थी कि सभी अस्पतालों और डॉक्टरों को उनकी दवा का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की याचिका दायर करने पर बेहद नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसी याचिका दायर करने की कोशिश करने वालों के लिए संदेश देना जरूरी है। इस तरह की याचिका दायर करने पर रोक लगनी चाहिए। पीठ ने याचिकाकर्ता पर न्यायिक समय का नुकसान करने के कारण 10 हजार रुपए का जुर्माना किया है।जुर्माने की रकम को चार हफ्ते के भीतर एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर फंड में जमा करने के लिए कहा गया है।