लद्दाख में पीएलए के खिलाफ करेंगे सैन्य कार्रवाई, सीडीएस विपिन रावत का बड़ा बयान

न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ

नई दिल्‍ली । चीन से सीमा पर जारी तनातनी के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। रावत ने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्‍य विकल्‍पों पर भी विचार हो रहा है। जनरल रावत ने कहा कि चीन अगर बातचीत से नहीं मानता है तो सैन्‍य विकल्‍पों पर विचार किया जा रहा है। रावत ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य जिम्मेदार लोग इस कोशिश के साथ सभी विकल्‍पों पर विचार कर रहे हैं कि पीएलए लद्दाख में पहले जैसी स्थिति में लौट जाए।

जनरल रावत ने कहा कि भारत सरकार शांतिपूर्ण ढंग से मामला सुलझाना चाहती है। रावत ने चीन को चुनौती भरे लहजे में कहा कि पूर्वी लद्दाख में सेनाओं की तैयारी पूरी है। रावत ने कहा, “LAC पर अतिक्रमण अलग-अलग नजरिए की वजह से होता है। रक्षा सेवाओं का काम निगरानी रखना और ऐसे अतिक्रमण को घुसपैठ में तब्‍दील होने से रोकने का है। सरकार चाहती है कि शांतिपूर्ण तरीके से मसले सुलझाए जाएं। अगर LAC पर पूर्वस्थिति बहाल करने की कोशिशें सफल नहीं होती हैं तो सैन्‍य कार्रवाई के लिए रक्षा सेवाएं हमेशा तैयार रहती हैं।”

दरसअल इस बार चीन ने दोनों सेनाओं को समान दूरी तक पीछे हटने का प्रस्ताव भारत को दिया था। इस प्रस्ताव पर भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। चीन ने पैंगोंग शो इलाके दोनों देशों की सेनाओं को समान दूरी पर पीछे हटने की मांग की थी।

बता दें कि भारतीय सेना को पीछे हटाने की चीन की बड़ी चालाकी थी। ऐसा प्रस्ताव इस​लिए दिया क्योंकि भारत ने साफ शब्दों में कह दिया है कि चीनी सेना फिंगर फोर और फिंगर फाइव इलाके को पूरी तरह खाली करे और सिरीजाप इलाके में यथास्थिति बहाल करें। फिर भी फिंगर एरिया लंबे समय से विवाद से जुड़ा हुआ है। दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के आमने-सामने बनी हुई है। शिनजियांग इलाके में सैन्य अभ्यास के नाम पर चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के कई इलाकों में घुसपैठ कर ली।


पूर्व लद्दाख में चीनी सेना अब भी बनी हुई है जिसके बाद भारत ने भी अपनी बड़ी फौज वहां खड़ी कर दी। हाल-फिलहाल सेनाओं के पीछे हटने के संकेत नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्ष सैन्य स्तर पर वार्ता तेज करेंगे और आने वाले दिनों में दोनों पक्षों की बातचीत होगी। दूसरी ओर भारतीय सेना के शीर्ष स्तर से सभी फील्ड कमांडर्स को कहा गया है कि किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

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