न्यूज़ टैंक्स / डेस्क
मुरादनगर दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठेकेदार और अफसरों को योगी सरकार कड़ा सबक सिखाने जा रही है । घटना से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्य में हुए सरकारी धन के नुकसान के साथ ही मृतकों के परिवार को दी जा रही सहायता राशि की भरपाई भी जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियरों से करने के निर्देश दिए हैं । नुकसान के साथ आश्रितों को दी जा रही मुआवजा राशि की भरपाई पहली बार ठेकेदार और अफसरों से की जाएगी। मंगलवार को अफसरों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक से कम मिली तो डीएम और कमिश्नर इसके लिए जिम्मेदार होंगे। ठेकेदार और इंजीनियरों के साथ डीएम,कमिश्नर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जिले में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित की गई है। जिले में हो रहे सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की टास्क फोर्स औचक जांच करेगी। मुख्यमंत्री ने हर बड़े प्रोजेक्ट की कम से कम 3 बार औचक गुणवत्ता जांच कराने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों से गुणवत्ता मानक के दिशा निर्देश जारी करने को कहा है। उन्होंने कहा कि मानक से विपरीत गुणवत्ता मिली तो ठेकेदार, इंजीनियरों के साथ जिम्मेदार प्रशासनिक अफसरों को भी खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
साथ ही मुख्यमंत्री ने मुरादनगर हादसे के हर मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये सहायता राशि दिए जाने के निर्देश दिए हैं। आवासहीन आश्रितों को आवास उपलब्ध कराने के निर्देश भी सीएम ने अधिकारियों को दिए हैं। दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियर के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अफसरों को दिए हैं। सीएम ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जो उत्तर प्रदेश में कार्य कर रहे ठेकेदारों और अफसरों के लिए एक सबक हो ।
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गौरतलब है कि मुरादनगर दुर्घटना के मुख्य आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी समेत अब तक कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में सीएम ने कमिश्नर और डीएम से स्पष्टीकरण भी मांगा है । मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं।
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