किसानों के बढ़ते उपद्रव के खिलाफ सरकार ने कसा सिकंजा, दिल्‍ली में तैनात करेगी 15 पैरामिलिट्री जवानों की कंपनियां

नई दिल्‍ली।  केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर परेड निकाल रहे हैं. दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन उग्र हो गया है. किसानों ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली के आईटीओ में पुलिस बस को कब्जे में ले लिया है।  पुलिस किसानों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे।

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किसानों के उग्र आंदोलन और दिल्ली में स्थिति को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह ने उच्च स्तरीय बैठक की। दिल्ली में सुबह से लेकर अब तक के हालात को लेकर गृह मंत्रालय में बैठकों का दौर जारी है। इस बैठक में गृह सचिव, दिल्‍ली पुलिस के अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक में फैसला लिया गया कि अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों को दिल्ली में तैनात किया जाएगा। ये उन 15 कंपनियों के ऊपर होंगे, जो कल भेजी गई थीं। 5 कंपनियां आज स्टैंडबाय पर थीं। यानी दिल्‍ली में 1500 से अधिक अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी। बैठक में तत्काल प्रभाव से उन संवेदनशील जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं, जहां पर मंगलवार को हिंसा हुई है। यह जगह नांगलोई, आईटीओ और गाजीपुर हैं।आज की हिंसा से जुड़ी हर पहलू की समीक्षा की जा रही है। अब तक 3 अहम बैठकें हो चुकी हैं। गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस द्वारा बनाई गई विशेष टीम दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों से जानकारी ले रही है।

कृषि कानून के खिलाफ दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान ने गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को दिल्ली की सीमाओं के आसपास ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान कई जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई। पुलिस को चकमा देते हुए उपद्रवी कश्‍मीरी गेट से होते हुए लाल किले और आइटीओ तक पहुंच गए और वहां जमकर हिंसा की। पुलिस पर पथराव किया और पुलिसवालों पर ट्रैक्‍टर चढ़ाने की कोशिश की। कुछ उपद्रवी किसान लाल किले के अंदर घुस गए। किसानों ने वहां पहुंचकर अपना झंडा फहराया। किसानों ने यहां दो झंडे फहराए। जिस जगह पर उपद्रवी किसानों ने झंडा फहराया, वहां स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री झंडा फहराते है।

उधर, दिल्‍ली में हिंसा के बीच संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बयान जारी किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद कुछ व्यक्तियों ने रूट का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्यों में लिप्त रहे। असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ की, लेकिन आंदोलन शांतिपूर्ण रहा। हमने हमेशा कहा कि शांति हमारी ताकत है और हिंसा ऐसे आंदोलन को नुकसान पहुंचाती है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आज के परेड में हिस्सा लेने के लिए हम सभी किसानों का धन्यवाद करते हैं। हम उन घटनाओं की भी निंदा करते हैं जो आज हुई हैं और ऐसे कार्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग कर लेते हैं।

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