Maharashtra में Corona के नए मामलों में बड़ा उछाल सामने आया है. महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना के नए मामलों में बड़ा उछाल सामने आया है. बुधवार को महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 13,659 केस सामने आए हैं वहीं मुंबई में 1,539 केस सामने आए हैं. मुंबई में पांच महीने बाद कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. 8 मार्च को कोरोना के 1361 मामले सामने आए जो 28 अक्टूबर के बाद सबसे अधिक थे. बता दें पिछले पांच महीनों में ये मुंबई के अब तक के सबसे ज्यादा केस हैं. मुंबई में 8 मार्च को 1361 मामले दर्ज किए गए थे जो कि 28 अक्टूबर के बाद से सबसे अधिक थे. वहीं मंगलवार को मुंबई में 1,012 केस दर्ज किए गए थे जबकि सोमवार को नए मामलों की संख्या 1,014 थी.
महाराष्ट्र में आखिरी बार 16 अक्टूबर को 11000 से अधिक केस सामने आए थे. स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 54 लोगों की मौत हुई जबकि 9,913 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई. राज्य में कोरोना से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 52,610 पहुंच गया है. महाराष्ट्र में अब तक कोरोना वायरस के 22 लाख 52 हजार 57 केस आ चुके हैं.
Maharashtra के इस शहर में आज से नाइट कर्फ्यू
मुंबई में कोरोना के इतने अधिक केस ऐसे समय सामने आए हैं जबकि प्रशासन पाबंदियों के फैसले को लेकर विचार विमर्श में लगा है. जलगांव में 11 से 15 मार्च तक जनता कर्फ्यू लगाया गया है. महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों के चलते कई जिलों में पहले ही लॉकडाउन लगा दिया गया है. पुणे, ठाणे, अमरावती में जहां लॉकडाउन लगाया गया है तो वहीं औरंगाबाद, जलगांव समेत कई अन्य जिलों में नाइट कर्फ्यू, जनता कर्फ्यू जैसी तमाम पाबंदियां लगाई जा रही हैं. वहीं सीएम उद्धव ठाकरे ने बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को सोचने का समय दिया है और कहा है कि अगर वह लॉकडाउन से बचना चाहते हैं तो जरूरी नियमों का पालन करें.
इसके अलावा कोविड-19 के मामलों में तीव्र वृद्धि पर रोकथाम के लिए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने करीबी संपर्को की जांच, संक्रमितों के बेहद करीब आने वालों की पहचान, तेजी से उनकी जांच, हॉटस्पॉट में सघन जांच और मौतों के ऑडिट समेत सात सूत्री कार्ययोजना बनायी है. कार्ययोजना में सामाजिक, राजनीतिक एवं धार्मिक जमावड़ों के सिलसिले में दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने तथा लोगों को कोविड-19 संक्रमण रोधक आचरणों का पालन करने के वास्ते प्रेरित करने के लिए नागरिक समाज एवं धार्मिक नेताओं को साथ लेने की बात भी कही गयी है.