IRDA का फैसला, कोविड-19 का टीका लगने से अस्पताल में भर्ती हुए धारकों का बीमा कंपनियां उठाएंगी खर्च

कोविड-19 का टीका लगने के बाद प्रतिकूल असर से अस्पताल में भर्ती होने वाले स्वास्थ्य बीमा धारकों का खर्च कंपनियां उठाएंगी। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) ने इस बाबत स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। इरडा ने कहा है कि स्वास्थ्य बीमा लेने वाले ग्राहक की कोविड-19 टीका लगने से तबीयत खराब होती है। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है, तो वह इलाज के खर्च के लिए बीमा कंपनी से क्लेम कर सकेगा।

बीमा नियामक ने पिछले दिनों ही स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में कोविड-19 के इलाज को शामिल कराया था, लेकिन इसमें टीके का खर्च शामिल नहीं किया गया था, जो अब भी पॉलिसी से बाहर है।

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स्वास्थ्यकर्मियों ने बीमा कंपनियों से सवाल किया था कि कोविड-19 का टीका लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, तो इलाज का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी। इस पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए इरडा ने कहा है कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की सामान्य नियम व शर्तों के निर्देशानुसार ग्राहक क्लेम कर सकता है।

सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी ने महामारी के संकटों से जूझ रहे अपने ग्राहकों के लिए सेटलमेंट प्रक्रिया आसान बना दी है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को बताया कि ग्राहक अपनी पॉलिसी की परिपक्वता अवधि से जुड़े दस्तावेज देश के किसी भी एलआईसी कार्यालय में जमा करा सकेंगे। 113 स्थानीय कार्यालय और 2,048 शाखाओं के अलावा 1,526 सैटेलाइट कार्यालयों में भी परिपक्वता संबंधी दस्तावेज जमा किए जा सकेंगे। सुविधा को अभी ट्रायल आधार पर लागू किया जाएगा और उपभोक्ता 31 मार्च, 2021 तक इसके तहत क्लेम कर सकेंगे। दस्तावेज जमा होने के बाद क्लेम का भुगतान मूल शाखा से ही किया जाएगा। सभी शाखाओं को इस बाबत निर्देश दिए जा चुके हैं।

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