भारत में सिटीबैंक के ग्राहकों के लिए बुरी खबर है। अमेरिका के सिटीबैंक ने अब भारत में अपने कारोबार को बंद करने का फैसला किया है। Citibank ने अपने ग्लोबल बिजनेस स्ट्रैटेजी के तहत भारत समेत एशिया, यूरोप, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के 13 इमर्जिंग मार्केट्स में अपने रिटेल बैंकिंग बिजनेस से बाहर निकलने का ऐलान किया है। सिटीबैंक ने 1902 में भारत में एंट्री की थी और 1985 में बैंक ने कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस शुरू किया था। सिटीग्रुप भारत, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, चीन, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, पोलैंड, रूस, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम में अपने कंज्यूमर बिजनेस से बाहर निकलेगा।
इंस्टीट्यूशनल बैंकिंग बिजनेस के अलावा यह मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई और गुरुग्राम में केंद्रों से प्रदान की जाने वाली ऑफशोरिंग या वैश्विक व्यापार सहायता पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा। सिटीबैंक भरत में अपने रिटेल और कन्ज्यूमर बिजनेस को बेचने के लिए खरीददार की तलाश भी कर रहा है।
सिटी को वित्त वर्ष 2019-20 में 4,912 करोड़ रुपए का नेट लॉस हुआ था जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 4,185 करोड़ रुपए था। सिटी इंडिया के मुख्य कार्यकारी आशु खुल्लर ने कहा, इस घोषणा से हमारे ऑपरेशन में कोई तत्काल परिवर्तन नहीं हुआ है और हमारे सहयोगियों पर तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा है। हम अपने ग्राहकों की देखभाल, सहानुभूति और समर्पण के साथ काम करना जारी रखेंगे जो हम आज करते हैं।
इस फैसले के ऐलान के समय सिटीग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेन फ्रेज़र ने कहा कि हमने उन्हीं जगहों पर रिटेल मार्केट से निकलने का फैसला लिया है, जहां हमें लगता है कि प्रतिस्पर्धा के लिए हम तैयार नहीं है। कंपनी ने यह फैसला इसलिए भी लिया ताकि वो वेल्थ मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दे सके। आने वाले समय में इसी सेग्मेंट में तेजी की संभावनाएं हैं।
सिटी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशु खुल्लर ने यह स्पष्ट किया कि कंपनी के इस फैसले से मौजूदा कर्मचारियों और भारत में काम करने पर तुंरत कोई असर नहीं पड़ेगा। खुल्लर ने कहा कि हमारे भारत में काम करने के तरीके और कर्मचारियों पर कोई तुरंत असर नहीं पड़ेगा। अंतरिम समय में हम अपने क्लाइंट्स को मौजूदा व्यवस्थाओं के तहत ही अपनी सेवाएं देते रहेंगे। अपने क्लाइंट्स के लिए हम उतने ही तत्पर रहेंगे, जितना पहले थे।
हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कंपनी ने भारत में अपने कारोबार को बेचने के लिए खरीदार की तलाश शुरू कर दी है। कंपनी का कहना है कि हम भारत में अपने कारोबार को बंद नहीं कर रहे, बल्कि यहां से निकल रहे हैं। इससे मौजूदा ग्राहकों और कर्मचारियों पर असर नहीं पड़ेगा। कंपनी को नियामकीय मंजूरियों के बाद नये ग्राहक की तलाश होगी।