‘आप आंख मूंद सकते हैं, लेकिन हम नहीं’, दिल्ली में ऑक्सीजन संकट पर HC ने केंद्र को लगाई फटकार

राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौत मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि दिल्ली में लोग मर रहे हैं और आपको लग रहा है कि ये मजाक है. कोर्ट ने कहा कि ‘आप आंख मूंद सकते हैं, लेकिन हम नहीं. ये बहुत असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले जारी निर्देशों के अनुसार, ऑक्सीजन की उचित आपूर्ति दिल्ली तक पहुंचे. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि अगर महाराष्ट्र में अभी ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो उसे दिल्ली में उपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की स्थिति में सुधार है.
महाराष्ट्र से ली जाए मदद
हाई कोर्ट ने एक सुझाव स्वीकार करते हुए कहा कि अगर महाराष्ट्र में ऑक्सीजन और टैंकरों की जरूरत कम हो गई है, तो उन्हें दिल्ली भेजा जा सकता है. यह एक स्थायी व्यवस्था है, जो कहीं भी इस्तेमाल की जा सकती है. वहीं, अतिरिक्त महाधिवक्ता (ASG) चेतन शर्मा ने पीठ को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार पहले से ही अन्य राज्यों से दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडर को बदलने की संभावना पर विचार कर रही है और ऐसा ही किया जाएगा.
राजधानी में ऑक्सीजन की कमी
राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी को लेकर जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने भी केंद्र पर जमकर तंज कसा. कोर्च की पीठ ने कहा कि केंद्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले जारी निर्देशों के अनुसार, ऑक्सीजन दिल्ली तक पहुंचे. पीठ ने कहा कि इससे कोर्ट की अवमानना ​​होगी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पूरे नहीं होंगे.
कोरोना से हो रही मौतें
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए, अधिवक्ता राहुल मेहरा ने बताया कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 700MT ऑक्सीजन को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचाने का निर्देश दिया था लेकिन, अब तक केवल 433 मीट्रिक टन ही पहुंचा है. उनका कहना है राजधानी में रोजाना कई लोगों की मौत हो रही है.
HC ने केंद्र से मांगा जवाब
कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए उसके अधिकार प्राप्त समूह में कितने ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता हैं. केंद्र जो योजना बना रही है वह भविष्य के लिए है लेकिन, हमारी चिंता यह है कि अभी कैसे इस मुश्किल वक्त का सामना किया जाए.
 
IIT और IIM से मांगे सुझाव
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुझाव दिया कि सरकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) के विशेषज्ञों से परामर्श में मदद कर सकती है. पीठ ने कहा कि केंद्र के पास जो भी बेड़ा है, उसे अधिकतम क्षमता पर इस्तेमाल करें.
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