एनटी न्यूज / लखनऊ / योगेश मिश्र
कहते हैं; मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं, स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं. हौसला मत हार गिर कर ऐ मुसाफिर, ठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैं.
ऐसा ही कुछ कर दिखाया है एक मासूम बेटी अदिति निगम ने. मेधावियों के लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को जब यूपी बोर्ड का रिजल्ट जारी हुआ तो टॉपर्स के खुशी का ठिकाना न रहा. एक ओर जहां सारे छात्र-छात्राएं अपने माता-पिता के साथ आए हुए थे वहीं दूसरी तरफ एक बच्ची अदिति गुमसुम खड़ी थी.
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बैंक मैनेजर बनना चाहती है अदिति
अपने कॉलेज की टॉपर्स की लिस्ट में अदिति निगम का नाम आठवें स्थान पर है. अदिति का नाम भले ही आठवें स्थान पर हो लेकिन 91 प्रतिशत अंकों के साथ उसके अरमान पहले नंबर पर हैं. वह बड़ी होकर बैंक मैनेजर बनना चाहती है.
जिम्मेदारी इतनी कि पढ़ाई के लिए समय कम रहता था
न्यूज टैंक्स के प्रश्नों का जवाब देते हुए अदिति बताती हैं कि उन्होंने कितनी परेशानियों को झेलते हुए इतना अच्छा रिजल्ट अपनी मम्मी को दिया है. उन्होंने बताया कि मैं पढ़ाई के लिए केवल कॉलेज और फिर यहां से मिले हुए होमवर्क ही कर पाती थी. क्योंकि मम्मी के कामों में हेल्प करना और अपनी हेल्थ को लेकर सजग रहना पड़ता है.
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अदिति जब कक्षा 7 में थी तभी उसके पापा दुनिया को अलविदा कह गए. उनकी मां किराए पर दुकान लेकर पूजा सामग्री का व्यापार करती हैं. लेकिन उन्होंने अपनी को प्रेरणा मानते हुए बताया कि मम्मी कहती हैं कि तुम अपने सपनों को जिओ. मुझे चाहे दिनरात मेहनत करनी पड़े, तुम्हें पढ़ाई नहीं रोकनी है.
बच्ची को है ये बीमारी
इतना ही नहीं वह ये बताते हुए भावुक हो जाती हैं कि वो खुद एक बीमारी से ग्रसित हैं. अमूमन आपने उस बीमारी को 30 या 35 साल की उम्र के बाद होते हुए देखा होगा लेकिन इस दुबली-पतली बच्ची को डायबिटीज है. अदिति ने बताया कि उनको दिन में तीन बार सुई लगानी पड़ती है. अभी उनको यहां से घर पहुंचते ही दोपहर की सुई लगाना है. बीमारी व और तरह की परेशानियों का सामना करते हुए भी यह बच्ची आगे चलकर बैंक मैनेजर बनने का सपना बुने हुए है. वह बताती हैं कि मुझे बड़े होकर बैंक मैनेजर बनना है.
इंटर के टापर्स ने बिखेरा जलवा
अंकिता रहीं टॉपर
लखनऊ पब्लिक कॉलेज से लखनऊ की इंटर टॉपर रहीं अंकिता कुमारी ने अपने टीचर्स और माता-पिता का आभार देते हुए कहती हैं कि हम इनके मार्गदर्शन में मेहनत करते रहे. टीचर्स ने हमेशा बताया कि एग्जाम में कभी भी प्रेशर नहीं लेना और नियम से पढ़ाई करते रहो. आज मेरा रिजल्ट देखकर मम्मी-पापा, टीचर्स और प्रिंसिपल सर काफी खुश हैं.
दूसरे स्थान पर रहे अतिथि ने पैटर्न बदलाव को लेकर ये कहा
दूसरे स्थान पर रहे अतिथि कुमार बताते हैं कि उन्होंने कोई कोचिंग नहीं की और कॉलेज के बाद घर में रोज 5 घंटे पढ़ते रहे. उसका यह परिणाम रहा कि मुझे 92.6 प्रतिशत अंक मिले. न्यूज टैंक्स ने प्रश्न किया कि क्या एनसीईआरटी पैटर्न आने से इस बार के रिजल्ट में कोई फर्क आया? इसका जवाब देते हुए अतिथि कहते हैं कि हां, इससे फर्क आया है क्योंकि हमारा पाठ्यक्रम पहले की तरह न होकर थोड़ा कम हुआ जिसका हमें फायदा हुआ है. इस बार फिजिक्स के पेपर में न्यूमेरिकल्स अधिक आए थे जिसका फायदा हुआ है.
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बताया टॉप आने का राज
आगामी मेधावियों को संदेश देते हुए कहते हैं कि कोचिंग की कोई जरूरत नहीं है. आप लोग घर में भी अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं. सभी कॉलेजों में एक ही पढ़ाई होती है. आप थोड़ा अलग करके और पढ़ाई हुई चीजों का रिवीजन करके कितना अलग कर लेते हैं- ये महत्व रखता है.
टॉप 5 में शामिल सलिल कहते हैं…
इंटर की टॉपर्स लिस्ट में 5वें स्थान पर रहे सलिल अवस्थी कहते हैं कि उन्होंने खूब मन लगाकर पढ़ाई की है. हरदम होमवर्क किया है. एकाग्रता से पढ़ाई करना ही सफलता का राज है.
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