भारत ही नहीं एशिया के दूसरे अमीर शख्स गौतम अडानी को बड़ा झटका लगा है। एनएसडीएल यानी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड ने तीन विदेशी फंड्स Albula इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड के खाते फ्रीज कर दिए हैं। इनके पास अडाणी ग्रुप की चार कंपनियों के 43,500 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के शेयर हैं। यह खबर गौतम अडाणी के लिए किसी झटके से कम नहीं है। इससे अडाणी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है।
अकाउंट फ्रीज करने का मतलब है कि फंड न तो कोई मौजूदा सिक्योरिटीज बेच सकता है और न ही नई खरीद सकता है। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 15 फीसदी, अडानी पोर्ट्स ऐंड इकोनॉमिक जोन 14 फीसदी, अडानी पावर 5 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन 5 फीसदी, अडानी ग्रीन एनर्जी 5 फीसदी, अडानी टोटल गैस 5 फीसदी टूट गया। ये तीनों फंड मॉरीशस के हैं और सेबी में इन्हें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक के रूप में रजिस्टर्ड किया गया है। तीनों का संयुक्त रूप से अडानी एंटरप्राइजेज में 6.82 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 8.03 फीसदी, अडानी टोटल गैस में 5.92 फीसदी और अडानी ग्रीन में 3.58 फीसदी का निवेश है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों पर ओनरशिप के बारे में पर्याप्त जानकारी न देने की वजह से कार्रवाई की गई है। प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत बेनिफिशियल ऑनरशिप के बारे में पूरी जानकारी देनी जरूरी है। साल 2019 कैपिटल मार्केट्स रेग्युलेटर ने एफपीआई के लिए केवाईसी डॉक्युमेंटेशन को पीएमएलए के मुताबिक कर दिया था। फंड्स को 2020 तक नए नियमों का पालन करने का समय दिया गया था। सेबी ने कहा था कि नए नियमों का पालन न करने वाले फंड्स का खाता फ्रीज कर दिया जाएगा। नियमों के अनुसार एफपीआई को कुछ अतिरिक्त जानकारी देनी थी।