इन दो आईएएस अफसरों ने ‘अनोखी शादी’ कर समाज में फैली ‘ दहेज़ प्रथा’ के मुंह पर तमाचा मारा है  

एनटी न्यूज डेस्क/ महोबा/ हम्माद अहमद

 ये कहानी ऐसे दो आईएएस अफसरों  की हैं, जिन्होंने अनोखी शादी कर समाज में फैली दहेज़ प्रथा के मुंह पर तमाचा मारा है .दोनों अफसरों ने एडीएम कोर्ट में ‘दहेज़ रहित’ और खर्चीली शादी न करने को लेकरे समाज को एक बड़ा सन्देश दिया है .

मामला महोबा का है . जहाँ दो आईएएस अधिकारियों ने अपर जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में जाकर न केवल शादी का रजिस्ट्रेशन कराया बल्कि दोनों ने दहेज़ रहित शादी के बंधन में बंधकर समाज को सन्देश देने का काम भी किया है।

नहीं लगी किसी को खबर

दोनों आईएएस अधिकारियों ने इस बात को पहले किसी से जाहिर नहीं किया था . दोनों अधिकारी मंगलवार शाम एडीएम कार्यालय देर से पहुंचे थे .जिसकी खबर जिलाधिकारी को भी नहीं मिल सकी.

अधिकारियों को इस बात का मलाल भी है कि वो इस शादी को यादगार नहीं बना सके । फिलहाल दूल्हा बने आईएएस मृदुल चौधरी और दुल्हन बनी प्रेरणा शर्मा की अनोखी शादी के बारे में सभी की जुबां पर बस ….. चोरी चोरी चुपके -चुपके गीत की धुन ही सुनाई दे रही है ।

इतिहास में दर्ज हो गया नाम 

महोबा अपर जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में  26 फरवरी 2018 का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है । जो असम कैडर की आईएएस प्रेरणा शर्मा दुल्हन के रूप में, तो यूपी कैडर के आईएएस मृदुल चौधरी के विवाह का गवाह बना महोबा एडीएम कोर्ट जहां दोनों ने एक साथ जीने मरने की कसम खाकर विवाह के बंधन में बंध गए .
इसके बाद दोनों अधिकारी महोबा जिलाधिकारी के पास पहुँचे,जहाँ एसपी सहित समाजसेवियों ने नव जोड़ें को बधाई दी . महोबा जिलाधिकारी सहदेव ने बताया कि यह शादी और भी यादगार बन सकती थी यदि दोनों अधिकारियों ने पहले से विवाह की सूचना दी होती।
जिलाधिकारी सहदेव ने दोनों को नवदाम्पत्य जीवन के लिये आशीर्वाद देते हुये मंगल कामना की ! उन्होंने बताया कि दोनों अधिकारियों ने शादी का रजिस्ट्रेशन कराकर समाज को सन्देश दिया है । दोनों 2014 बैच के आईएएस अधिकारी हैं .
दोनों ने अकादमी में एक साथ प्रशिक्षण लिया था। यहीं दोनों की मुलाकात हुई और एक-दूसरे को पसंद करने लगे और रिश्ता आगे बढ़ने लगा .और वह अब एक-दूजे के हो चुके हैं .