एनटी न्यूज़ डेस्क/ आइएनएक्स घूसकांड
आइएनएक्स मीडिया घूस कांड में गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम को लेकर सीबीआई टीम रविवार को दिल्ली से मुंबई के भायखला जेल पहुंची. यहां पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे का आमना-सामना जेल में बंद आइएनएक्स मीडिया प्राइवेट लि. की पूर्व निदेशक इंद्राणी मुखर्जी से कराया गया. सीबीआई ने दोनों को आमने-सामने बैठाकर करीब चार घंटे तक पूछताछ की. दिल्ली की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट में 17 फरवरी को दर्ज इंद्राणी के इकबालिया बयान के बाद ही कार्ति को सीबीआई ने 28 फरवरी को गिरफ्तार किया.
जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार
जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, छह सदस्यीय सीबीआई टीम कार्ति को लेकर रविवार दिन में 11 बजे जेल पहुंची. जेल में दोनों को साथ बैठाकर गहन पूछताछ की गई. कई तथ्यों का मिलान कराया गया.
जांच एजेंसी ने पूरी पूछताछ की वीडियोग्राफी कराई. इस दौरान किसी को भी जेल के अंदर जाने की इजाजत नहीं थी.
पूछताछ के बाद सीबीआई अफसर सवा तीन बजे दिन में कार्ति को लेकर जेल से बाहर निकले और मुंबई एयरपोर्ट रवाना हो गए, जहां से पांच बजे सभी दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
हालांकि जेल से बाहर निकलने के दौरान मौका देखकर कार्ति ने जेल गेट के बाहर प्रतीक्षारत मीडियाकर्मियों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. मुस्कराते हुए कहा कि उनके खिलाफ आरोप झूठे और राजनीति प्रेरित हैं.
एफआइपीबी से मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप
कार्ति को सीबीआई ने लंदन से लौटते ही 28 फरवरी को चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था. बाद में उसे दिल्ली की विशेष अदालत में पेश किया गया.
कोर्ट ने एक मार्च को उन्हें पांच दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में सौंप दिया था.
कार्ति की गिरफ्तारी 2007 में आइएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड हासिल करने के लिए विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआइपीबी) से मंजूरी दिलाने में बरती गई अनियमितता को लेकर हुई.
आरोप है कि कार्ति ने अपने पिता व तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के प्रभाव का बेजा इस्तेमाल करते हुए यह मंजूरी दिलाई.
पिछले वर्ष 15 मई को इस सिलसिले में एक एफआइआर दर्ज की गई थी. इसमें आरोप लगाया गया कि विदेशी फंड की मंजूरी दिलाने के लिए कार्ति ने आइएनएक्स मीडिया से करीब दस लाख रुपये की रिश्वत ली थी.
बयान से मिले ताजा सुबूत
सीबीआई के हाथ ताजा सुबूत तब लगे, जब इंद्राणी ने 17 फरवरी को मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 के तहत दिए बयान में कहा, एफआइपीबी मंजूरी के लिए कार्ति को आइएनएक्स मीडिया की ओर से साढ़े तीन करोड़ की रिश्वत दी गई थी.
भुगतान विदेशी खाते में किया गया. जूनियर चिदंबरम ने दिल्ली के होटल में इंद्राणी से भेंट कर साढ़े छह करोड़ की रिश्वत मांगी थी. यह भी आरोप है कि एक टैक्स जांच रोकने के लिए भी कार्ति ने घूस ली थी.
मनी लांडिंग का केस भी है दर्ज
यह मामला जिस समय का है, उस वक्त पीटर मुखर्जी और उसकी पत्नी इंद्राणी आइएनएक्स मीडिया के मालिक थे. दोनों इस समय शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं. शीना इंद्राणी की बेटी थी.
आइएनएक्स मीडिया मामले में पीटर व इंद्राणी भी आरोपित हैं. इन पर मंजूरी लेने में नियमों के उल्लंघन और बेइमानी से धन निकालने का आरोप है.
सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने भी कार्ति पर मनी लांडिंग का केस दर्ज कर रखा है.